आलोक कुमार
पटना.बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) ने "अपनों की याद" अभियान के तहत पूरे राज्य में विद्यालयों के समक्ष इकट्ठा होकर कोविड19 से मरे स्कीम वर्करों एवं तमाम देशवासियों को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दिया तथा इस अवसर पर हर मौत को गिने हर गम को बांटने का संकल्प लिया.
अपनों की याद कार्यक्रम को बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ की महासचिव सरोज चौबे, अध्यक्ष सोहिला गुप्ता,आल इंडिया स्कीम वर्कर्स फैडरेशन (ऐक्टू) की संयोजक शशि यादव, ने शिरकत किया. विद्यालय रसोइया संघ की महासचिव सरोज चौबे ने बताया कि पूर्व घोषित आह्वान पर आज पटना सहित राज्य के अन्य जिलों यथा पटना ग्रामीण, मुजफ्फरपुर दरभंगा, नवादा, गया, जमुई, मुंगेर, बेगूसराय पूर्वी चंपारण,कटिहार ,भागलपुर सहरसा, सिवान,भोजपुर समेत अन्य जिलों में विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) से जुड़े रसोइया नेत्रियों विद्यालय रसोईया संघ राज्य सचिव जूही आलम, सावित्री गुप्ता,विभा भारती,किरन देवी, मीना देवी, सोना दवी, सुनीता देवी , मुहम्मद हैदर, चन्द्रेश्वर भगत, पप्पू पासवान आदि ने अपने अपने विद्यालय परिसर में जमा हो अपनो की याद कार्यक्रम को सफल बनाया.
इस अवसर पर मौन श्रद्धांजलि के बाद बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आंदोलन का संकल्प लिया गया.कोरोना की दूसरी लहर में सरकार लोगों जाने सुरक्षा की चिंता करने की बजाय चुनाव रैलियां कर रही थी और कुंभ मेले का आयोजन कर रही थी. आपदा में अवसर तलाशते हुए विस्टा प्रोग्राम में जनता की गाढ़ी कमाई बर्बाद कर रही है. जहां जनता की आय खत्म होती जा रही वहीं कारपोरेट घरानों की आय बढ़ती जा रही है.
स्कीम वर्कर्स को कोरोना वारियर्स की संज्ञा तो दे दी गई लेकिन उन्हें न तो कोई सुविधा मुहैया की गई और नहीं मरने 50 लाख मुआवजा ही दिया गया.
विद्यालय रसोइया संघ की महासचिव सरोज चौबे ने बताया कि अपनों की याद में अभियान आगे भी जारी रहेगा और सरकार से सवाल पूछता रहेगा और स्कीम वर्करों के हक के लिए लड़ता रहेगा.
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