एक दिन ही कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन दे दिया

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एक दिन ही कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन दे दिया

पुनपुन.बिहार सरकार के स्वास्थ्य कर्मियों की एक बड़ी लापरवाही प्रकाश में आया है. पुनपुन प्रखंड के बेल्दारीचक उत्क्रमित मध्य विद्यालय वैक्सीनेशन सेंटर पर बुधवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी, जब एक बुजुर्ग महिला ने कुछ ही अंतराल पर  वैक्सीन के दो डोज ले लिये. ये दो डोज दो अलग-अलग वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के थे. कुछ देर के बाद जब महिला के परिजनों को जानकारी मिली,तो वहां परिजन पहुंच कर हंगामा करने लगे.हालांकि बाद में उन्हें समझा बुझाकर शांत करवाया गया. वहीं डॉक्टरों ने तत्काल उसे निगरानी में लिया. 

बताया गया कि पुनपुन प्रखंड के लखना पूर्वी पंचायत के बेलदारीचक स्थित मध्य विद्यालय में अपने बेटे के साथ संगीता देवी टीका लेने आई थी. बेटे ने "आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जमा कर दिया.अवधपुर निवासी रवींद्र महतो की 63 वर्षीया पत्नी संगीता देवी को सारी प्रक्रिया करने के बाद कोवैक्सीन का डोज देकर कुछ देर बैठने के लिए बोला गया. लेकिन, वह कुछ देर बैठने के बाद दूसरी पंक्ति में जा खड़ी हुई और वहां उसने कोविशील्ड का भी डोज ले लिया. 

बाद में महिला से पूछा गया तो उसने बताया कि दोनों पक्तियों में लोग वैक्सीन ले रहे थे, इसलिए हमें लगा कि दोनों पंक्तियों में जाकर वैक्सीन लेनी है. चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सेंटर पर मौजूद दो एएनएम चंचला कुमारी व सुनीता कुमारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने बताया कि ऐसे एक साथ दो डोज नहीं पड़ने हैं. लेकिन भूलवश पड़ गया. 

अब सवाल यह उठ रहा होगा कि आखिर महिला के पूछे जाने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मियों ने गलती क्यों की? इसके पीछे वजह ये हो सकता है कि टीका का पहला और दूसरा डोज लेने के लिए भी लोग पहुंच रहे हैं. ऐसे में इस सवाल को शायद स्वास्थ्यकर्मी समझ नहीं पाए कि महिला आज ही टीका लेने की बात कह रही है. 

टीकाकरण तेलदारीचक मध्य विद्यालय में चल रहा था टीकाकरण डॉक्टरों की निगरानी में महिला इधर, महिला के परिजनों के हंगामा करने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने महिला को महिला चिकित्सकों की निगरानी में रखा है. हालांकि दो बार टीका लग जाने के बाद भी महिला की तबीयत ठीक बताई जा रही है.  

पुनपुन पीएससी चिकित्सा प्रभारी डॉ संजय कुमार ने कहा कि यह घटना गलतफहमी के कारण हुई है. चिकित्सा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि एक ही कमरे में 18+ और 45+ वालों को वैक्सीन दी जा रही थी. इसके लिए कोविशील्ड व कोवैक्सीन के लिए अलग-अलग लाइन लगी थी. अवधपुर निवासी रवींद्र महतो की 63 वर्षीया पत्नी सुनीता देवी को सारी प्रक्रिया करने के बाद कोवैक्सीन का डोज देकर कुछ देर बैठने के लिए बोला गया. लेकिन, वह कुछ देर बैठने के बाद दूसरी पंक्ति में जा खड़ी हुई और वहां उसने कोविशील्ड का भी डोज ले लिया. 

लेकिन इसके बाद भी महिला के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इधर, टीकाकरण में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है. 

मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना एम्स नोडल कोरोना ऑफिसर डॉ संजीव कुमार ने भी मामले में संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि महिला के शरीर में क्या रिएक्शन होता है, इसकी निगरानी की जा रही है. फिलहाल महिला के शरीर में कोई रिएक्शन नहीं हुआ है. 14 दिनों के बाद एंटीबॉडी टेस्ट करवाया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर जरुरत पड़ने पर इलाज किया जाएगा. 

बताते चले कि उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव के कई लोगों को कोविड टीकाकरण की पहली डोज कोविशील्ड की लगाई.जब बारी दूसरी डोज़ की आई तो इन गांव वालों को कोवाक्सीन लगा दी गई. इस घटना के बाद पूरे देश भर में दहशत फैल गई कि ऐसी लापरवाही से तो लोगों की जान पर बन आएगी.लेकिन देश में टीकाकरण पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों के समूह ने इस बात पर नाराजगी जरूर जताई है कि स्वास्थ्य कर्मी बेहद लापरवाह हैं.लेकिन इन वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर एक व्यक्ति को पहली डोज कोविशील्ड और दूसरी डोज को कोवाक्सीन की लग भी जाती है तो किसी भी तरीके का कोई नुकसान नहीं है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में इस बात पर जबरदस्त नाराजगी दर्ज की गई और संबंधित राज्यों से जवाब तलब भी किया गया.

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