जदयू पर पार्टी को तोड़ने का आरोप

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जदयू पर पार्टी को तोड़ने का आरोप

आलोक कुमार 
नयी दिल्ली.अपने ही परिवार से बेगाना होकर बंगले के दहलीज पर खड़े हैं चिराग पासवान.चिराग पासवान ने लोजपा में मचे घमासान को लेकर बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.उन्होंने कहा कि चाचा पशुपति कुमार पारस पार्टी संविधान के खिलाफ गये हैं. वह पार्टी संविधान को फालो नहीं कर रहे हैं. साथ उन्होंने जदयू पर पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया. 

चिराग पासवान इस दौरान काफी भावुक दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि जब उनके पिता राम विलास पासवान का निधन हुआ था तब उन्होंने अपने आपको इतना अकेला महसूस नहीं किया, लेकिन चाचा पशुपति पारस के साथ छोडऩे पर वह अपने आप को अनाथ महसूस कर रहे हैं. चिराग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा मेरी तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए आप लोगों से बात करना मुश्किल है. 

लोक जनशक्ति पार्टी में चल रहे सियासी घमासान के बीच नेता चिराग पासवान ने बुधवार को स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में एलजेपी का नेता बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर पशुपति कुमार को उनकी जगह दिए जाने का फैसला उनकी पार्टी के प्रावधानों के खिलाफ है. 

उन्होंने स्पीकर से उनके पक्ष में नया सर्कुलर जारी करने की भी अपील की है. पत्र में चिराग पासवान ने लिखा, लोक जनशक्ति पार्टी के संविधान का अनुच्छेद 26 (Article 26) केंद्रीय संसदीय बोर्ड को यह तय करने का अधिकार देता है कि लोकसभा में हमारी पार्टी का नेता कौन होगा, मगर पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नेता घोषित करने का फैसला हमारी पार्टी के संविधान के प्रावधान के विरुद्ध है. 

लोजपा नेता ने पत्र में उनके खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पांच सांसदों को निलंबित करने के अपने फैसले का भी जिक्र किया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि LJP के पांच सांसदों को हमारी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्यों द्वारा पहले ही निष्कासित कर दिया गया है. पासवान ने निलंबित किए गए सांसदों के नामों का एक सर्कुलर पत्र के साथ प्रस्तुत किया. 

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने पर चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर सभी पांचों बागी सांसदों को पार्टी से बाहर निकाल दिया. निष्कासित सांसदों में पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज, वीना देवी, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर शामिल हैं. लोजपा के छह सांसदों में से पांच ने चिराग पासवान की बजाय पारस को अपना नेता चुना. अब दोनों गुट यह दावा कर रहे हैं कि उनका समूह ही असली लोक जनशक्ति पार्टी है. 

चिराग ने कहा, ‘मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, शेर का बेटा हूं, उन्हीं की सोच के साथ पार्टी आगे बढ़ेगी. लोक जनशक्ति पार्टी में मौजूदा संकट के लिए चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि चिराग पासवान ने बीजेपी की भूमिका पर चुप्पी साध ली है. एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी के नेताओं ने जिस तरह एलजेपी को तोड़ने में दिलचस्पी दिखाई. उसके बाद इस बात को कहने में उन्हें कोई संदेह नहीं कि नीतीश कुमार एलजेपी को नुकसान पहुंचाने में दिलचस्पी रखते हैं. 
इस बीच मंगलवार को इस मामले को लेकर बैठक के बाद लोजपा नेता राजू तिवारी ने कहा कि पासवान के साथ जो हुआ, उसे विश्वासघात कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई काम करने की एक प्रक्रिया होती है. चिराग पासवान को मंगलवार को बड़ा झटका देते हुए उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. 

चिराग को हटाने के साथ ही सूरजभान सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पार्टी ने सूरजभान सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है. उधर फैसले से नाराज चिराग समर्थकों ने लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस में घुसकर सांसद पशुपति पारस के पोस्टर पर पहले कालिख पोती और फिर चिराग पासवान जिंदाबाद के नारे लगाए. 

चिराग पासवान ने आगे कहा कि उन्होंने लोजपा और परिवार को एकजुट रखने की पूरी कोशिश की. मै पार्टी के संविधान के तहत ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बना हूं. किसी पार्टी के अध्यक्ष को सिर्फ उसकी मौत या इस्तीफा देने के बाद से ही हटाया जा सकता है. चाचा पशुपति पारस के लोकसभा में लोजपा के नेता बनने के सवाल पर चिराग ने कहा कि सदन में पार्टी के नेता का चुनाव संसद नहीं ससदीय दल करता है. अब मैं इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ूंगा. बिहार की जनता मेरे पीछे खड़ी है.

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