आलोक कुमार
पटना.प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार बिहार विधान परिषद की समितियों का गठन हो गया है. 29 समितियों के अध्यक्ष और एक समिति के संयोजक की घोषणा कर दी गई है.
इस मनोनयन में जदयू बड़ा दल बनकर सामने आया है. सबसे अधिक समितियों के अध्यक्ष जदयू से बनाए गए हैं. भाजपा जदयू के मुकाबले तीन कम समितियों में अध्यक्ष का पद हासिल कर पाई है.इनमें 14 जदयू के हिस्से आई हैं, जबकि 11 भाजपा के पास हैं. विपक्षी कांग्रेस, राजद और भाकपा के खाते में पांच समितियां गई हैं.विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष हैं.उन्हें जोड़ दें तो भाजपा के हिस्से 12 समितियां आई हैं.कुछ समितियों के अध्यक्षों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं.
विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष हैं अवधेश नारायण सिंह.समितियों के अध्यक्ष है जदयू के रामवचन राय-नियमावली, नीरज कुमार-सरकारी आश्वासन, वीरेंद्र नारायण यादव-आवास, सलमान रागीब-जिला परिषद एवं पंचायती राज, गुलाम गौस-गैर-सरकारी संकल्प एवं विधेयक, गुलाम रसूल-अल्पसंख्यक कल्याण, डा. संजीव कुमार सिंह-प्रकाशन, संजीव श्याम सिंह-नगर विकास, संजय प्रसाद-सामान्य प्रयोजन, सीपी सिन्हा-दिव्यांग जन कल्याण, उपेंद्र कुशवाहा-पर्यटन विकास, कमर आलम-आवास बोर्ड पर गठित विशेष समिति एवं राधाचरण शाह-वृद्धजन संरक्षण एवं सुरक्षा। रणविजय कुमार सिंह-अभयावेदन को समिति का संयोजक बनाया गया है.
समितियों के अध्यक्ष है भाजपा के सच्चिदानंद राय-पुस्तकालय, रजनीश कुमार-कार्यान्वयन, संजय पासवान-अनुसूचित जाति एवं जनजाति, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता-प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण, एनके यादव-परिषद पटल पर रखे जाने वाले कागजात संबंधी समिति, देवेश कुमार-याचिका, निवेदिता सिंह-बाल संरक्षण एवं महिला सशक्तीकरण, संतोष कुमार सिंह-आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, संजय प्रकाश-मानवाधिकार, राजन कुमार सिंह-कारा सुधार एवं राजेश कुमार ऊर्फ बब्लू गुप्ता-पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण.
विपक्ष के भाकपा के केदारनाथ पांडेय-निवेदन,कांग्रेस के डा. मदन मोहन झा-राजभाषा, प्रेमचंद्र मिश्रा-शून्यकाल, राजद के मो. फारूख-प्रत्यायुक्त एवं रामबली सिंह को आरक्षण क्रियान्वयन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.
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