आलोक कुमार
पटना.बिहार पुलिस मैनुअल की धारा 1315 और 1316 में गुंडा रजिस्टर का प्रावधान है.इसके आलोक में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने पुलिस महानिदेशक बिहार,पटना के नाम पत्र लिखा है.इसमें आप पुलिस महानिदेशक निर्भीक होकर कार्य करें.संजय सिंह का नाम ' गुंडा रजिस्टर' में दर्ज करें.
वर्ष 1994 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे अमिताभ कुमार दास ने पत्र में लिखा है कि सोशल मीडिया पर जदयू विधान पार्षद संजय सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ है.वीडियो में संजय सिंह,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करने वालों की अंगुलिया काट लेने की धमकी दे रहे है.
उन्होंने कहा कि यह सड़कछाप गुंडे की भाषा,किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य है.यह धमकी लोक शांति भंग करने वाली है.बिहार पुलिस मैनुअल की धारा 1315 और 1316 में गुंडा रजिस्टर का प्रावधान है.आप पुलिस महानिदेशक बिहार,पटना से आशा है कि आप निर्भीक होकर जरूर ही पटना के सचिवालय थाना को संजय सिंह का नाम गुंडा पंजी में तत्काल दर्ज करने का आदेश देंगे.
मालूम हो कि अपराधियों का नाम गुंडा पंजी में होगा उसे न तो चरित्र प्रमाणपत्र मिलेगा और न ही किसी प्रकार ठेके का लाइसेंस सहित अन्य कई प्रकार की सुविधाएं और मौके नहीं मिलेंगे.
बता दें कि बिहार पुलिस मैनुअल की धारा 1315 और 1316 में गुंडा रजिस्टर का प्रावधान है. इसके तहत सभी थानों में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपराधियों के नामों का एक रजिस्टर तैयार किया जाता है.इसे गुंडा पंजी कहा जाता है. इस पंजी में शराबी, जुआरी, जुआ का धंधा करने वाले, सेक्स रैकेट चलाने वाले, शराब पीकर हंगामा करने वाले, आर्म्स लेकर धमकी देने वाले, किसी भी तरह से लोक शांति भंग करने वाले, रंगदारी, डकैती, लूट, चोरी, साप्रदायिक काड में आरोपित, विधि व्यवस्था को तोड़ने, विस्फोटक रखने, आर्म्स एक्ट, कालाबाजारी और छेड़खानी जैसी वारदात में संलिप्त रहे अपराधियों को शामिल किया जाता है. इन अपराधियों की लिस्ट थाने से तैयार होकर एसएसपी, डीआइजी और आइजी तक जाती है.
गुंडा पंजी में दर्ज बदमाशों को 107 के तहत पहले नोटिस भेजा जाता है और उनसे सीआरपीसी की धारा 116 के तहत बांड भरवाया जाता है.बांड में उस अपराधी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बांड भराया जाता है. अगर कोई अपराधी अपने बांड में 50 हजार या एक लाख रुपये भरता है तो बांड टूटने पर उसके बांड में भरी संपत्ति जब्त कर ली जायेगी. साथ ही बांड तोड़ने वाले के खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया जायेगा और उसे कम से कम 6 महीने के लिए जेल भेजा जायेगा.
आईपीएस अधिकारी रहे अमिताभ कुमार दास को 2018 में हीं ज़बरन सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था. 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी दास उस समय एसपी सह सहायक नागरिक सुरक्षा आयुक्त थे.
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