सात साल की मोदी सरकार की नाकामियां

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

सात साल की मोदी सरकार की नाकामियां

हिसाम सिद्दीकी 
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल मुकम्मल होने पर बीजेपी, आरएसएस और मोदी के वजीरों ने बड़े पैमाने पर कामयाबियों के दावे किए लेकिन हकीकत यह है कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह नाकाम रही है. वैसे तो 2016 में मोदी के जरिए की गई नोटबंदी से अब तक नरेन्द्र मोदी ने जो फैसले किए हैं वह सभी न सिर्फ फ्लाप बल्कि देश के लिए इंतेहाई दर्जे तक नुक्सानदेह साबित हुए हैं. देश की मईशत (अर्थव्यवस्था) गर्क हो चुकी है, जीडीपी गिरकर माइनस साढे बारह फीसद तक पहुच गई है. बेरोजगारी के तमाम रिकार्ड टूट चुके हैं, महंगाई आसमान छू रही है, खुसूसन पेट्रोल, डीजल और खाना बनाने की गैस की कीमतों ने हर अमीर-गरीब की कमर तोड़ दी है. डीजल की कीमतों में इजाफे की वजह से तमाम जरूरी सामानों की कीमतों में इजाफा हुआ है. कोरोना से लड़ाई में भी मोदी सरकार चारों खाने चित दिखाई पड़ी. आक्सीजन और अस्पतालों में मरीजों के लिए बिस्तरों के लिए पूरे मुल्क में कोहराम मचा रहा. कोरोना से मरने वालों की तादाद सरकार ने छुपाने और कम करके बताने की हर मुमकिन कोशिश की लेकिन गुजरात के ही अखबारात ने सरकार की सारी पोल-पटटी खोल दी. दुनिया भर में मशहूर अमरीकी अखबार ‘न्यूयार्क टाइम्स’ के मुताबिक भारत में कोरोना से मरने वालों की तादाद तकरीबन तैंतालीस लाख है, जबकि सरकार ने तीन लाख ही बताई. कोरोना दौर में तकरीबन सवा बारह करोड़ लोगों की मुलाजमतें चली गईं. मोदी और उनकी पार्टी की जानिब से कामयाबियों के झूटे दावे किए जा रहे हैं. मसलन खुद वजीर-ए-आजम मोदी ने कहा कि सात सालों में डिजिटल लेन-देन के मामलात में भारत ने दुनिया को नई सिम्त दिखाने का काम किया है. सवाल यह है कि जब आपकी सरकार आने से पहले इण्टरनेट बैंकिंग का सिस्टम पूरी दुनिया समेत भारत में भी शुरूआती दौर में ही था तो आपके दौर में ही इसके रिवाज में इजाफा हुआ है तो आपका इसमें क्या कमाल है. आने वाले वक्त में डिजिटल लेन-देन में इजाफा ही होगा. 
वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी ही अपनी कामयाबियों का ढोल नहीं पीट रहे हैं उनके साथी वजीर उन्हें इन कामयाबियों के लिए मुबारकबाद दे रहे हैं. अमित शाह ने मोदी को मुबारकबाद देते हुए कहा कि उनकी कयादत में देश ने सिक्योरिटी, अवामी फलाह और इस्लाहात के मैदान में बेमिसाल कामयाबियां हासिल की हैं. हकीकत में सिक्योरिटी का आलम यह है कि चीन अब भी कई भारतीय इलाकों पर काबिज है. अंदरूनी सिक्सोरिटी का आलम यह है कि जब देशभर में आक्सीजन और अस्पतालों में बिस्तर न मिलने पर कोहराम मच गया तब मोदी ने आक्सीजन प्लाण्ट लगाने का एलान किया. यही हाल वैक्सीन का है. एक तरफ तो मोदी ने टीका उत्सव मना लिया और यह भी एलान कर दिया कि अट्ठारह साल से ऊपर वालों को भी टीका लगाया जाएगा. दूसरी तरफ टीकों का कहीं अता-पता नहीं है. रियासती सरकारों से कह दिया गया कि वह अपनी सतह पर ही ग्लोबल टेण्डर जारी करके टीकों का इंतजाम कर लें, इतने शोर-शराबे के बावजूद अभी देश में सिर्फ तकरीबन सवा तीन (3.2) फीसद लोगों को ही वैक्सीन की दोनों खुराकें मिल सकी हैं. इस मामले में भूटान और श्रीलंका जैसे मुल्क भारत से कहीं आगे निकल चुके हैं. मोदी कई महीने पहले कह चुके हैं कि हमने कोरोना से जंग जीत ली है अगर जंग जीत ही ली थी तो फिर पूरे देश में लाकडाउन और कोहराम क्यों? पन्द्रह अगस्त को मोदी ने कहा था कि वैक्सीन तैयार है अब कह रहे हैं कि दिसम्बर तक मुल्क के लिए इफरात मिकदार (मात्रा) में वैक्सीन तैयार हो जाएगी यानी आठ महीने बाद ही वैक्सीन तैयार हो पाएगी. लोगों को जरूरत आज है लेकिन मोदी उन्हें आठ महीने बाद वैक्सीन फराहम करेंगे. 
कांग्रेस ने मोदी सरकार को देश के लिए नुक्सानदेह बताया है. कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार ने सात साल में बेशुमार जख्म दिए हैं, जो अब नासूर बन गए हैं. उन्होंने कहा कि सात सालों से बेरोजगारी बेकाबू है, कमरतोड़ महंगाई है, मईशत (अर्थव्यवस्था) का बंटाधार हो गया इसीलिए मोदी सरकार देश के लिए नुक्सानदेह है. उन्होंने कहा कि सात सालों में हमने क्या खोया और क्या पाया? हमने खोई- लोकतंत्र की गरिमाएं, संवैधानिक इदारे, सरकार की मर्यादाएं, वजीर-ए-आजम के एहसासात और दर्द बांटने और वादा निभाने का रिवाज. हमने खोया इंसानियत और खुद किफालत, आलमी सतह की साख. सुरजेवाला ने कहा कि वजीर-ए-आजम ने अवाम का भरोसा और एहतराम खो दिया है, लेकिन आज भी वह कहते हैं कि सिर्फ वही अजीम हैं. 
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार के सात साल में हमने क्या पाया- सिर्फ नफरत और तकसीम का साया, झूठी नोटबंदी और जीएसटी का खेल, फरेब और जुमलों का साया. गंगा मैया में बहती हजारों लाशें, उन्नाव, प्रयागराज और कानपुर में मिट्टी के तले दबी सांसें, सरयू तट पर उतारी जा रही लाल चुन्नियां, श्मशान घाट की नई चुनी ऊंची-ऊंची दीवारों के पीछे दहकती आग की चिमनियां. उन्होंने कहा कि क्या यह सब मेरी भारत मां की तहजीब और सकाफत हो सकते हैं, नहीं. 
2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो उसे विरासत में औसतन 8.1 फीसद की जीडीपी शरह (दर) मिली लेकिन कोरोना महामारी से पहले ही मोदी सरकार की मआशी बदइंतजामी के चलते जीडीपी की शरह 2019-20 में गिरकर 4.2 फीसद रह गई. 73 साल में पहली बार देश मआशी मंदी के दौर से गुजर रहा है. 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी की शरह गिरकर माइनस 24.1 फीसद (-24.1 फीसद) हो गई. हाल में ही 2020-21 की दूसरी तिमाही में यह माइनस 7.5 फीसद (-7.5 फीसद) है. अंदाजों में मुताबिक 2020-21 में जीडीपी की शरह माइनस 8 फीसद (-8 फीसद) रहेगी. 
मोदी सरकार हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई. सात साल में 14 करोड़ रोजगार देना तो दूर, देश में गुजिश्ता पैंतालीस सालों में सबसे ज्यादा चौतरफा बेरोजगारी है. सेंटर फार मानिटरिंग आफ इंडियन इकानामी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी की शरह डबल डिजिट का आंकड़ा पार कर 11.3 फीसद तक पहुंच चुकी है. आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ कोरोना के दौरान ही 12.20 करोड़ लोगों ने अपना रोटी-रोजगार खो दिया. 
एक तरफ कोरोना महामारी और दूसरी तरफ मोदी की लाई हुई महंगाई, दोनों ही देश के लोगों के दुश्मन बने. खाने के सामान से लेकर खाने के तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं. इसकी सबसे सटीक मिसाल यह है कि कई रियासतों में पेट्रोल की कीमतें सौ रुपया फी लीटर और सरसों का तेल दो सौ रुपये फी लीटर को भी पार कर गया है. 
आजाद भारत की तारीख (इतिहास) की पहली सरकार है जो न सिर्फ किसानों से उनके जराए जिंदगी छीन कर पूंजीपति दोस्तों का घर भरना चाहती है बल्कि् किसानों का एहतराम भी धूमिल कर रही है. कभी उन पर लाठी-डंडे बरसाती है, कभी उन्हें दहशतगर्द बताती है, कभी रास्तों में कील और काँटे बिछाती है. 2014 में आते ही पहले आर्डीनेंस के जरिए किसानों की जमीन का मुनासिब मुआवजा कानून 2013 को बदल कर किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की. 
कांग्रेस लीडर ने बयान में कहा कि वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ने यह बताया कि भारत में यूपीए-कांग्रेस के 10 साल के दौर में 27 करोड़ लोग सतह अफलास (गरीबी रेखा) से ऊपर उठ पाए. लेकिन मोदी सरकार के सात साल के बाद, पीईडब्ल्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक अकेले 2020 में देश के तीन करोड़ बीस लाख  लोग अब मिडिल क्लास जुमरे से ही बाहर हो पाए. यही नहीं, 23 करोड़ भारतीय एक बार फिर गरीबी की सतह से नीचे की लिस्ट में शामिल हो गए. गरीबी के बजाय मोदी सरकार ने गरीबों पर वार किया है. 
कोरोना महामारी की बदइंतजामी के चलते देश में लाखों लोगों ने सिसक-सिसक कर दम तोड़ दिया. हालांकि मौत का सरकारी आंकड़ा तीन लाख बाइस हजार पांच सौ बारह (3,22,512) है, मगर सच्चाई इससे कई गुना ज्यादा खौफनाक है. कोरोना महामारी ने गांव, कस्बों और शहरों में लाखों लोगों के अपनों को छीन लिया लेकिन मोदी सरकार देश के लिए जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाकर भाग खड़ी हुई. पूरे देश में आक्सीजन का संगीन बोहरान है. देश की पार्लियामानी कमेटी ने नवंबर, 2020 में इसकी वार्निंग दी थी. कांग्रेस और सारे एक्सपर्ट्स ने इसकी वार्निंग दी, मगर मोदी सरकार जनवरी, 2021 तक नौ हजार (9000) टन आक्सीजन का एक्सपोर्ट करती रही. देश के लोग रेमडेसिविर के इंजेक्शन के लिए तिल-तिल कर मरते रहे, लेकिन मोदी सरकार ने ग्यारह लाख से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन का एक्सपोर्ट कर डाला. 
सुरजेवाला ने इल्जाम लगाया कि मोदी सरकार देश की सालमियत और सरहदों की हिफाजत करने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. चीन को लाल आंख दिखाना तो दूर, बीजेपी सरकार चीन को लद्दाख में हमारी सरहद के अंदर किए गए कब्जे से वापस नहीं धकेल पाई. चीन ने आज भी डेपसांग प्लेंस में भारतीय सरहद के अंदर एलएसी के पार वाई-जंक्शन तक कब्जा कर रखा है, जिससे भारत की डिफेंस हवाई पट्टी, दौलतबेग ओल्डी एयर स्ट्रिप को सीधे खतरा है मगर मोदी सरकार खामोश है. साफ है कि देश सात सालों की मोदी सरकार की नाकामी को भुगत रहा है.जदीद मरकज़

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :