आलोक कुमार
पटना.आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी का विवाह का 45 वां सालगिरह है.आम से खास लोग बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं.छात्र राष्ट्रीय जनता दल के नेता जयंत जिज्ञासु ने कहा कि आज दो बेहद सुंदर दिल के इंसान को शादी की सालगिरह बहुत-बहुत मुबारक हो! आपदोनो को शतायु होना है!
बिहार राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं और देश की बड़ी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने इस प्रथा को असल जीवन में जिया है.आज राबड़ी और लालू प्रसाद यादव की शादी की 45 सालगिरह है.राबड़ी देवी के त्याग, समर्पण और पति लालू के साथ उनके सुखमय जीवन सुखमय हो.
मालूम हो कि आजकल राजद के स्वास्थ्य विभाग के नाकामबियों का पर्दाफाश कर रहे हैं.इसी क्रम में खंडहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वास्थ्य केंद्रों का बुरा हाल सोशल मीडिया में पेश कर रहे हैं.सहरसा राजद के द्वारा सहरसा रेफरल अस्पताल की फोटो अपलॉड किया है.
इसको देखकर राजद अध्यक्ष खुद को रोक नहीं सके.इसको देखकर खुशीपूर्ण माहौल में लालू प्रसाद यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा है.अपने ट्वीट में लालू ने कहा है कि सहरसा में करीब 14 करोड़ की लागत से बने इस रेफरल अस्पताल का 1995 में हमने उद्घाटन किया था ताकि पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के अंदर बसे लाखों लोगों को इलाज उपलब्ध कराया जा सके लेकिन संकीर्ण और नकारात्मक मानसिकता के धनी ने बाक़ी हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों की तरह इसे भी जमीनदोज कर दिया.
उन्होंने कहा कि रेफरल अस्पताल चंद्रायन, सहरसा की फोटो पोस्ट की गई. इसके साथ ही लिखा गया कि यह कोई भूतों की किसी फिल्म की शूटिंग के लिए तैयार किया गया भूत बंगला का सेट नहीं है. यह सहरसा का रेफरल अस्पताल है.जो नीतीश कुमार और बीजेपी के "सुशासन" के नाम पर चल रही निर्लज्ज मस्तीखोरी का जीता जागता उदाहरण है!
इसके शिलापट्ट पर लालू यादव का नाम होने की सजा जनता को मिली है.
एक अन्य रीट्वीट में लालू यादव ने नालंदा जिला के हिलसा विधानसभा के करायपारसुराय प्रखंड के चकवाजितपुर उप स्वास्थ्य केंद्र की फोटो पोस्ट की है. इसके साथ ही लालू ने लिखा है कि नीतीश ने अपने गृह जिला नालंदा में भी हमारे द्वारा बनाया गया स्वास्थ्य केंद्र बंद करा दिया, लेकिन गुलाबी फाइलों में यह चालू है. इनके नाकारापन के वायरस ने ऐसे हजारों स्वास्थ्य केंद्रों की बलि ली है. क्योंकि इनके फाइलों में कार्यरत रहने से प्रसाद रूपी चढ़ावा प्राप्त होता रहता है.
नालंदा जिला के हिलसा विधानसभा में है करायपारसुराय प्रखंड.यहां के चकवाजितपुर उप स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल है ! नीतीश कुमार जी, क्या 15 साल से यहाँ आदमी नहीं रह रहे थे? उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता नहीं थी? यह कैसा 'सुशासन' है जिसमें सरकार 15 साल तक सोई रहती है?
आलोक शर्मा का कहना है कि अब जा के पता चला चारा घोटाला से भी ज्यादा घोटाला तो नीतीश कुमार कर रहें है जो कागज पर अस्पताल चालू है उसका असलियत कुछ और है.
प्रमोद कुमार सिंह कहते हैं कि शायद बिहार से कहीं बहुत दूर बैठ के लिख रही हैं आप. 2005-2010 निकल गया मैडम. ये 2021 है. और सम्मान का ढोल फट चुका है.2010 के बाद से सरकार निष्क्रिय है. कानून नाम की कोई चीज नही है घोटालो का ये आलम है कि आज का ताजा एम्बुलेंस घोटाला देख लो. आप डर गुंडों का नहीं सरकार का है अब आइये कभी.
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