आलोक कुमार
दरभंगा.पिछले साल लॉकडाउन में हरियाणा के गुड़गांव से 1200 किमी साइकिल चलाकर अपने बीमार पिता को घर लाकर देश-विदेश में चर्चा में आने वाली ज्योति के सिर से सोमवार को उसके पिता का साया उठ गया.सुबह करीब नौ बजे सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव स्थित अपने आवास पर ज्योति के पिता मोहन पासवान (48) की हार्ट अटैक से मौत हो गयी.उनका अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया.बड़े पुत्र नौ वर्षीय हिमांशु कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी.उस बेटी ज्योति की 'दुनियां' ही उजड़ गयी जिसके लिए उसने अपनी जिंदगी को दांव पर लगा दिया था.
जी हां, दरभंगा की बेटी साइकिल गर्ल ज्योति के पिता मोहन पासवान का सोमवार को निधन हो गया. हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु हुई है. उनके निधन के बाद परिजनों में शोक की लहर है.इस बीच ज्योति कहती हैं कि सामाजिक बैठक कर वे सुबह घर आये और कहा कि सीने में तेज दर्द हो रहा है.गर्मी भी लग रही है.इसके बाद हम लोगों ने उन्हें पंखा झेला और उनका सीना दबाया.इससे वे ठीक हो गए और छत पर चले गये. कुछ देर बाद छत से नीचे आये और कमरे में सोने चले गये.वहां हम लोग उन्हें पंखा झलने लगे.इसी दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.उनके मौत की पुष्टि होने के बाद गांव में मातमी सन्नाटा छा गया।
ज्योति कुमारी उस समय सुर्खियों में आई थीं जब पिछले साल देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ था.उस समय काम-धंधा ठप होने की वजह से बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे शहरों से अपने घरों को लौट रहे थे. इसमें कई प्रवासी मजदूर पैदल चलकर या साइकिल चलाकर अपने घर पहुंचे थे. इसी दौरान दरभंगा की बेटी ज्योति कुमारी अपने पिता को गुड़गांव से साइकिल पर दरभंगा ले आई थीं.
बताया जा रहा कि जिस समय ज्योति अपने पिता को गांव लेकर आई उनके पिता की तबीयत खराब चल रही थी. इसी वजह से ज्योति उन्हें साइकिल से घर लाने का फैसला किया.करीब 1200 किमी की दूरी साइकिल से उन्होंने करीब 8 दिनों में पूरा किया.उसके बाद से परिवार यही रह रहा था.इसी बीच सोमवार को ज्योति के पिता की मौत हो गई है.
मोहन पासवान के निधन की सूचना मिलते ही जिलेभर से लोग शोक व्यक्त करने लगे.जिला प्रशासन के निर्देश पर सिंहवाड़ा बीडीओ राजीव रंजन कुमार और सीओ चौधरी बसंत कुमार सिंह सिरहुल्ली पहुंचे और मोहन पासवान के पार्थिव शरीर पर पुष्प माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.सीओ ने कहा कि उनके परिजनों को पारिवारिक लाभ योजना से सरकारी मदद देने की कार्रवाई की जा रही है.
ज्योति के साहस की तारीफ अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने भी की थी. इसके बाद ज्योति पूरी दुनिया में मशहूर हो गई थी. देश-विदेश के लोगों ने ज्योति और उसके परिवार की पैसों से खूब मदद की थी. इससे ज्योति और उसके परिवार की जिंदगी बदल गई.
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