'हम' ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया

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'हम' ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया

आलोक कुमार 
पटना.बिहार के बक्सर एंबुलेंस मामले को प्रमुखता से दिखाए जाने पर ईटीवी भारत संवाददाता उमेश पांडेय पर बीजेपी नेता परशुराम चतुर्वेदी ने एफआईआर दर्ज कराई है. जिस पर बिहार सरकार के सहयोगी दल 'हम' ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी  ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. 

हालांकि बक्सर एंबुलेंस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करने में जनादेश भी शामिल है.जनादेश ने लिखा कि अश्विनी कुमार चौबे ने नाम बदलकर चौथी बार एक ही एम्बुलेन्स का वर्चुअल उद्घाटन किया.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो ट्वीट कर कहा है कि हद हो गई! बक्सर के सांसद केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री चौबे जी भागलपुर वाले ने एक ही एम्बुलेन्स का एक बार नहीं 4 बार उद्घाटन किया लेकिन एक बार भी  एम्बुलेन्स नहीं चली.किसी को गिफ़्ट कर दी.अपने ही क्षेत्रवासियों के साथ यह ठगी करते है तो देश के साथ क्या करते होंगे?  

इस बीच हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि जब हम पत्रकारों को न्याय नहीं दिला सकतें तो हमें पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं देने का कोई अधिकार नहीं.माफ किजिएगा पत्रकार मित्रों! लेकिन जिस दिन हमारे दल के घोषणा पत्र में उल्लेखित पत्रकारों की योजनाएँ लागू हो गई उस दिन आपके घर आकर “पत्रकारिता दिवस” की बधाई दूँगा.उन्होंने कहा कि ''पत्रकार उमेश पांडेय प्राथमिकी मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. पत्रकार ही हैं जो निःस्वार्थ भावना से हमारी कमियों को हमसे रू-ब-रू करवातें हैं. उनके ऊपर इस तरह की कार्रवाई ठीक नहीं.'' 

इस पर किंग कुमार ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से कहा है कि हिम्मत है तो पत्रकारों पर एफआईआर करने वाली सरकार से समर्थन वापस ले लीजिए या सिर्फ़ नीतीश कुमार से अपना बात मनवाने के लिए जनता को मूर्ख मत बनाइए.जैसे ही नीतीश कुमार आपकी माँग पूरा कर देंगे,वैसे आप पलट के फिर से ट्वीट डिलीट कर देंगे , झूठा सहानुभूति मत दिखाइए पत्रकारों से.करना ही है तो सीधा आर पार कर दें.    

बता दें कि बिहार में कोरोना संकट के समय जहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते लोग परेशान होते दिखे, वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने संसदीय क्षेत्र बक्सर में एंबुलेंस दी, ताकि लोगों की सेवा की जा सकें. लेकिन, अश्विनी कुमार चौबे द्वारा दी गई एंबुलेंस का चार बार उद्घाटन करने का मामला सामने आया. जिसे ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया. 

खबरों को लगातार दिखाए जाने के बाद बक्सर जिले के पूर्व प्रत्याशी और भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी ने उन पर एफआईआर दर्ज करा दी. अब देखने वाली बात होगी कि पत्रकार उमेश पांडे पर हुई एफआईआर को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के सीएम की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है. 


हरेंद्र सिंह यादव ने कहा कि आपने बक्सर में एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर करारा हमला हुआ है जो काफी निंदनीय है. पत्रकार दिवस पर पर पत्रकारों को प्रतिकार किया गया.  बक्सर में पत्रकार पर हुए पक्षपतीय करवाई के विरुद्ध आपका समर्थन की आकांक्षा है. 

चन्दन कुमार सर! पत्रकार खुद ही गुलाम बने बैठे हैं, पत्रकार आजाद परिंदों की तरह होते हैं लेकिन सरकारी डोर ने इन्हें कैद कर रखा है.यदि मीडिया के विचार आज भी आजाद हो जाए तो मेरा भारत आज भी पवित्र और सोने की चिड़िया बन सकता है. 
 

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