मुंबई . एनआईए ने पिछले साल अक्टूबर में भीमा कोरेगांव हिंसा-एल्गार परिषद मामले में 84 वर्षीय स्टेन स्वामी को गिरफ़्तार किया था.स्वामी ने सरकारी अस्पताल में भर्ती होने की सलाह से इनकार करते हुए कहा कि वह भर्ती नहीं होना चाहते, उसकी जगह कष्ट सहना पसंद करेंगे और संभवत: स्थितियां जैसी हैं, वैसी रहीं तो जल्द ही मर जाएंगे. उन्होंने कहा कि जो दवाइयां वे दे रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा मजबूत मेरी गिरती हालत है.
बताया कि जब स्वामी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने एक अर्जी पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया.तब जाकर मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में जेल प्राधिकारियों को जेसुइट फादर और सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को दो सप्ताह इलाज के लिए मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया था.
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ ने जेल प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि स्वामी (84) को नवी मुंबई में स्थित जेल से उपनगर बांद्रा में होली फैमिली अस्पताल में 'दिन के दौरान ही' भर्ती कराया जाए.
न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की अगुवाई वाली अवकाशकालीन पीठ से स्वामी को चिकित्सा सहायता तथा अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया था.पीठ ने उस समय कहा था कि चिकित्सा जमानत के मुद्दे पर फैसला बाद में लिया जाएगा लेकिन स्वामी को इलाज के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है.कई बीमारियों से जूझ रहे स्वामी वीडिया कांफ्रेंस के जरिए अदालत के समक्ष पेश हुए थे.
उन्होंने यह कहते हुए जेजे अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया था कि वह पहले भी दो बार वहां भर्ती हो चुके हैं लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली.आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता ने तब कहा था कि वह 'जेजे अस्पताल जाने के बजाय जेल में मरना' चाहेंगे.बहरहाल, उच्च न्यायालय ने स्वामी को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराने की अनुमति दे दी. इससे पहले देसाई ने कहा कि इलाज का खर्च स्वामी और उनके सहायक उठाएंगे.
शनिवार को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.उच्च न्यायालय ने कहा, 'हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता को 15 दिन के लिए होली फैमिली अस्पताल में इलाज कराने का विकल्प दिया जा सकता है. स्वामी इसका खर्च उठाएंगे.'
बताते चले कि रांची महाधर्मप्रांत में स्थित एक लघु घर में रहते हैं एक जेसुइट पुजारी स्टेन , जिन्होंने अपने जीवन के 60 साल से अधिक समय गरीबों, दलितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ते हुए बिताया है.उनको 8 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार कर 9 अक्टूबर को तलोजा जेल में डाल दिया गया.तब से जेल में ही है.
उन पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा में उनकी कथित भूमिका और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से लिंक के लिए गिरफ्तार किया गया.इस समय स्टेन स्वामी उम्र से संबंधित अन्य बीमारियों के अलावा पार्किंसन रोग से भी पीड़ित हैं.जेल में वह कई बार गिर गये. वह दोनों कानों से सुन नहीं पाते हैं. उनकी सर्जरी भी हुई है.
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