पुलिस के बल पर मोदी सरकार

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पुलिस के बल पर मोदी सरकार

हिसाम सिद्दीकी 
नई दिल्ली! इस किस्म की कार्रवाई सिर्फ मोदी जैसी गैर जम्हूरी (अलोकतान्त्रिक) सरकार में ही मुमकिन है कि कांग्रेस कमेटी के रिसर्च विंग का फर्जी लेटरहेड बनाकर उसपर फर्जी बातें दर्ज करके ट्वीट करने की हरकत बीजेपी के तर्जुमान (प्रवक्ता) संबित पात्रा ने की जिसका फौरन ही भाण्डा भी फूट गया. कांग्रेस ने संबित पात्रा के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी, ट्वीटर को भी पता चल गया कि संबित पात्रा ने जालसाजी की है इसलिए ट्वीटर ने संबित के ट्वीट के नीचे लिख दिया ‘मैनुप्लेटेड मीडिया’ यानी जालसाजी करके बनाया गया ट्वीट. मोदी सरकार और अमित शाह की दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने जालसाजी करने वालों के खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं की उल्टे ट्वीटर के दिल्ली और गुड़गांव के दफ्तरों में पहुंच गई यह पता लगाने के लिए कि संबित के ट्वीट को ट्वीटर ने ‘मैनुप्लेटेड मीडिया’ क्यों लिख दिया. पुलिस ने ही नहीं ट्वीटर की कार्रवाई पर मरकजी वजीर कानून और टेलीकम्युनिकेशन रविशंकर प्रसाद भी सख्त नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया युनिवर्सिटी के तलबा और शहरियत तरमीमी कानून (सीएए) के खिलाफ मुजाहिरीन के खिलाफ दिल्ली पुलिस के इस्तेमाल के बाद से ही मोदी सरकार ने हर मामले में दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया है. अब ट्वीटर पर भी पुलिस लगा दी गई मतलब अब मोदी पुलिस के बल पर सरकार चलाना चाहते हैं. हालांकि टूलकिट के ही एक मामले में दिल्ली पुलिस मुंह की तब खा चुकी है जब वह बंगलौर से इनवायरमेंट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार करके दिल्ली ले आई थी और अदालत ने कह दिया था कि उसने कोई जुर्म नहीं किया अपनी पार्टी की तीन सौ तीन लोक सभा सीटें होने के बावजूद नरेन्द्र मोदी की सरकार एक इंतेहाई कमजोर सरकार है और कमजोर सरकारें ही पुलिस व कानून की दहशतगर्दी के बल पर चलती हैं. सात सालों में कुछ भी न कर पाने की वजह से नरेन्द्र मोदी कमजोर थे, बंगाल में ममता ने जबसे उन्हें धूल चटा दी वह और भी ज्यादा कमजोर हो गए हैं. 
याद रहे कि तकरीबन एक हफ्ता पहले बीजेपी तर्जुमान संबित पात्रा ने एक ट्वीट करके इल्जाम लगाया कि कांग्रेस ने वजीर-ए-आजम मोदी और भारत सरकार को बदनाम करने वाला टूल किट बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है. संबित पात्रा का यह फर्जीवाड़ा फौरन पकड़ गया और कांग्रेस ने हंगामा करने के साथ-साथ दिल्ली और रायपुर में ट्वीटर जालसाजी के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी. मामले की तहकीकात करके ट्वीटर ने संबित के ट्वीट के नीचे मैनुप्लेटेड मीडिया का फ्लैग लगा दिया. यह बात संबित के आकाओं को बहुत बुरी लगी तो उन्होने ट्वीटर पर ही पुलिस का धावा बोलवा दिया. वाह मोदी वाह! आप है तो कुछ भी मुमकिन है. इधर कांग्रेस ने भी हंगामा किया और ट्वीटर से कहा कि सिर्फ संबित ही नहीं फर्जी ट्वीट करने वाले रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, थावर चन्द गहलौत, पियूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी समेत सभी ग्यारह वजीरों और दीगर बीजेपी लीडरान के खिलाफ भी ट्वीटर और पुलिस की कार्रवाई होनी चाहिए. संबित पात्रा पेशवर ट्वीटर जालसाज है. इसीके साथ उन्होने एक खबर ट्वीट की थी कि चुनाव के बाद मगरिबी बंगाल में बीजेपी वर्कर्स के खिलाफ बडे़ पैमाने पर हिंसा की जा रही है. हमारे एक वर्कर को कत्ल किया गया है वर्कर की जो तस्वीर उस झूटे शख्स ने लगाई वह इंडिया टूडे और आजतक चैनल के रिपोर्टर की तस्वीर थी पकड़ा गया संबित लेकिन उसे कोई शर्म नहीं आई. 
बीजेपी अपनी जालसाजी को सच साबित करने के लिए यह काम भी करती है कि पार्टी के मीडिया सेल या तर्जुमान के जरिए पहले कोई झूटी अफवाह फैलाई जाती है फिर पार्टी के दर्जनों मिनिस्टर मेम्बरान पार्लियामेंट और रियासती लीडरान उस अफवाह को सोशल मीडिया पर इतना आगे बढा देते हैं कि आम लोग उस अफवाह को सच मानने लगें. कांग्रेस के इस फर्जी ट्वीट मामले में भी ऐसा ही किया गया. पहले पार्टी के जालसाज तर्जुमान संबित पात्रा ने उसे ट्वीट किया फिर देखते ही देखते मोदी के एक दर्जन वजीर और छत्तीसगढ के साबित चीफ मिनिस्टर डाक्टर रमण सिंह समेत कई सीनियर लोग भी इस फर्जी ट्वीट को आगे बढाने में जुट गए. जब पकड़ में आ गया तो संबित पात्रा ने जालसाजी की है तो उसकी जालसाजी को आगे बढाने वाले इधर-उधर मुंह छिपाने या हठधर्मी पर उतरने में जुट गए. 
छत्तीसगढ कांग्रेस की तलबा विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) के सदर आकाश शर्मा ने डाक्टर रमण सिंह और संबित पात्रा समेत फर्जी ट्वीट को आगे बढाने में मुलव्विस तमाम बीजेपी लीडरान के खिलाफ रायपुर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संबित पात्रा को तेइस (23) मई को तलब किया, वह बुजदिल पुलिस के सामने इस खौफ से नहीं गया कि कहीं पुलिस उसे गिरफ्तार न कर ले. रायपुर पुलिस चौबीस (24) मई को डाक्टर रमण सिंह का बयान दर्ज करने उनके घर गई. रमण सिंह ने बयान तो दर्ज करा दिया लेकिन अपनी पार्टी के सैकड़ों वर्कर्स का रायपुर के सिविल लाइन्स थाने के बाहर मुजाहिरा करा दिया. उन्होने कहा कि अगर भूपेश बघेल सरकार को एफआईआर दर्ज कराने का इतना ही शौक है तो अब हजारों वर्कर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए. रमण सिंह ने हठधर्मी दिखाते हुए फिर कहा कि उनका ट्वीट बिल्कुल सही था. 
मोदी सरकार खुसूसन वजीर कानून रविशंकर प्रसाद और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को इस बात पर सख्त एतराज है कि आखिर ट्वीटर सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने संबित के ट्वीट को फर्जी करार देते हुए नीचे मैनुप्लेटेड मीडिया का टैग क्यों लगा दिया. यह लोग भूल गए कि अमरीका के पागल किस्म के सदर और दुनिया के सबसे ताकतवर सियासतदां डोनाल्ड ट्रम्प भी इसी किस्म के फर्जी और काबिले एतराज ट्वीट करते रहते थे. ट्वीटर ने उन्हें पहले नोटिस दिया जब वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उनके ट्वीटर एकाउण्ट को हमेशा के लिए बंद कर दिया था तो संबित पात्रा की क्या हैसियत है? 
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने ट्वीटर के दिल्ली और गुड़गांव दोनों दफ्तरों पर छापा मारा, जब इसपर हंगामा हुआ तो पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वास ने कहा कि पुलिस टीम तो ट्वीटर के दफ्तर में यह मालूम करने गई थी कि नोटिस किस के नाम दिया जाना है. चिन्मय बिस्वास भी पूरी दुनिया को शायद बेवकूफ ही समझते हैं. नोटिस किस के नाम दिया जाए इसके लिए तीन गाड़ियों में दो दर्जन पुलिस वालों को भर कर जाने की क्या जरूरत थी. एक अकेला पुलिस वाला भी जाकर इतना पता कर सकता था. यही तो है पुलिस राज का नमूना.जदीद मरकज़

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