पटना.बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कोविड से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने के लिए बीजेपी के कार्यकर्ताओं से अपील की है. ट्वीट कर इस संबंध में कहा कि कोरोना महामारी से बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की भी असामयिक मृत्यु हो गई है जो परिवार में कमाने वाले सदस्य थे. ऐसे में अब उनके बच्चों की शिक्षा और भरण पोषण कठिन हो गया है. इसको देखते हुए बीजेपी के कार्यकर्ता इसकी जिम्मेदारी लें. उन्होंने सरकार से परवरिश योजना के दायरे को भी बढ़ाने के लिए कहा.
कोरोना महामारी से बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की भी असामयिक मृत्यु हो गयी है जो परिवार में कमाने वाले सदस्य थे जिससे उनके बच्चों की शिक्षा और भरण पोषण कठिन हो गया है.
महामारी के इस कठिन समय में भाजपा के सभी सक्षम कार्यकर्त्ताओं, विधायकों और सांसदों को कोविड-अनाथ बच्चों की शिक्षा पूरी करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेनी चाहिए.
भाजपा सांसद ने कहा कि कम से कम 18 साल तक के बच्चे की पढ़ाई अधूरी न रहे, इसका ध्यान रख कर हम समाज की सेवा कर सकते हैं और महामारी की मार से देश का भविष्य बचा सकते हैं.
कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर बिहार देश का पहला राज्य है जो आश्रितों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दे रही है, लेकिन परिवार के अनाथ हुए बच्चों की देखभाल और पढ़ाई के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है.
उपेंद्र कुमार ने कहा है कि मेरे गांव में दो लोग एक औरत और एक आदमी की मौत कोविड के कारण हो गयी है.लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उनका कही नाम नहीं है. तो क्या उनलोगों को अनुग्रह राशि मिलेगी??अगर हां तो उसके लिए क्या प्रोसेस है और नहीं तो ऐसे गांव देहात में मरने वाले की संख्या अधिक है जिनका कहीं कोई रिकार्ड नही है.
राज्य सरकार ने " परवरिश " योजना के तहत बेसहारा और असाध्य रोग से पीड़ित 14,208 बच्चों को 1000 रुपये मासिक की सहायता दे रही है.अब इस योजना में कोविड- अनाथ बच्चों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
मानस कुमार ने कहा कि मैं भगवान जी प्रार्थना करता हूं कि तेरा बच्चा अनाथ हो जाए और राज्य सरकार के "परवरिश" योजना के तहत उसे 1000 रूपये मासिक सहायता प्राप्त हो.
विध्याधर सिंह ने कहा कि अच्छे विचार हैं लेकिन आप किसी को लिए हैं लेगें या नहीं कृपया बताने का कष्ट करें.इं.अमित प्रकाश ने कहा कि आप कितने कोविड-अनाथ बच्चों की शिक्षा पूरी करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रहे हैं? खुद से शुरू कर देते तो ज्यादा अच्छा होता.
राजीव रंजन ने कहा कि काहे की जिम्मेवारी...सर !!!
जिन बच्चियों को स्नातक पास करने पर 25000/-रुपये देने का झूठा वादा करके सरकार अपनी पीठ थपथपाती है वो तो मिलती नहीं...इनलोगों को सरकार क्या देगी ?बोल के जितनी वाहवाही लूटनी है लूट लीजिये.
लेनी चाहिए, करनी चाहिए. ये फालतू का ज्ञान मत दीजिए.कुछ अगर किया है तो उसके बारे में ट्वीट कीजिए.आपके ट्वीट में बड़े मोदी का गुणगान, लालू चालीसा और फालतू के ज्ञान के अलावा कुछ नही होता.अपने एक सांसद या नेता या एक संपन्न नागरिक होने के नाते क्या कदम उठाए है उसके बारे में बताइए.
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