आलोक कुमार
पटना.राजधानी पटना ब्लैक एंड व्हाइट पोस्टर से पट गया है.इस पोस्टर ने सियासत को एक बार फिर गर्मा दिया है. यह पोस्टर किसकी ओर से चिपकाए गए हैं, पता नहीं चल पाया है.पर राजद की ओर इशारा कर कहा गया है कि उसके द्वारा ही पोस्टर लगाया गया है.राजद ने जोरदार ढंग से खंडन किया है.बहलहाल प्रशासन पोस्टर निकालकर फेंकना शुरू कर दिया है.
बताया जाता है कि जो पोस्टर लगाया गया है उसमें किसी राजनीतिक पार्टी या संस्था का नाम भी नहीं है. पोस्टर में किसी की तस्वीर नहीं है. सिर्फ इतना ही लिखा है- ‘नीतीश बाबू….आपके निकम्मेपन की कीमत जनता कब तक चुकाएगी?’ इस पोस्टर के मीडिया में आते ही राजद-जदयू आमने सामने आ गई है.
सोमवार सुबह वीरचंद पटेल पथ पर पोस्टर को लगाया जा रहा था. एक युवक राजद कार्यालय के पास वाले बस स्टॉप की दीवार पर यह व्यक्ति पोस्टर चिपकाता दिखा.उसने पटना के अन्य इलाकों पटना सेंट्रल के अलावा गायघाट जैसे इलाके में भी इस पोस्टर को चिपकाया है. पूछने पर बताया कि किसी व्यक्ति ने उसे यह काम सौंपा है और पैसे दिए हैं. उससे कहा गया है कि गांधी मैदान से वीरचंद पटेल पथ तक पोस्टर चिपका दो. पोस्टर चिपकाने वाले का नाम संतोष है. कहा कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है और उसे नहीं पता कि पोस्टर में क्या लिखा है.
कोरोना काल में नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर लगातार रहे हैं. नीतीश सरकार पर कोरोना के इलाज की अच्छी व्यवस्था नहीं होने का आरोप महागठबंधन की पार्टियां लगा रही हैं.अस्पतालों में दवाओं की किल्लत, बेड की किल्लत, ऑक्सीजन की किल्लत के आरोप सरकार पर लगे हैं.सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने वेंटिलेटर चलाने वाले नहीं मिलने की बात कह कर पल्ला झाड़ा था.
इस पोस्टर को लेकर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो बात पोस्टर में लिखा गया है, वह वाजिब है.जनता ने मुख्यमंत्री को आईना दिखाया है. यह पोस्टर राजद की ओर से नहीं लगाया गया है.यह आम जनता की आवाज है.
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