भूख हड़ताल पर रहे गोपाल रविदास और संदीप सौरभ

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भूख हड़ताल पर रहे गोपाल रविदास और संदीप सौरभ

आलोक कुमार 
पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधायकों व पार्षदों से बिना किसी बातचीत के बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद से 2-2 करोड़ की राशि अधिग्रहित कर लिए जाने के फैसले के खिलाफ इस राशि के कम से कम 50 प्रतिशत हिस्से को संबंधित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने में खर्च करने और राशि आवंटन की पूरी प्रक्रिया में विधायकों व पार्षदों की सहभागिता व उनकी सलाह को सर्वोपरि मानने की मांग पर भाकपा-माले के सभी 12 विधायक आज एकदिवसीय भूख हड़ताल पर रहे. 

भाकपा-माले के फुलवारी विधायक गोपाल रविदास व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने माले विधायक दल कार्यालय, आवास संख्या - 13, छज्जूबाग में अनशन किया.  

मौके पर सन्दीप सौरभ ने कहा कि हमें इस बात पर आपत्ति नहीं है कि सरकार ने 2 करोड़ पैसा ले लिया, आपत्ति इस बात पर है कि उसने हमलोगों से न तो कोई राय ली और न ही कोई पारदर्शिता अपनाई जा रही है. पिछली बार भी सरकार ने 50 लाख की राशि ले ली थी, लेकिन आज तक यह नहीं बताया गया कि वह ख़र्च हुआ भी या नहीं.  

हमारी मांग है कि इस मद की राशि के खर्च में हमारी राय को प्राथमिकता दी जाए और कम से कम 1 करोड़ रुपया सम्बन्धित विधानसभा में खर्च किया जाए. माले के सभी विधायकों ने तो शेष 1 करोड़ की राशि को भी स्वास्थ्य उपकरणों पर खर्च करने की अनुशंसा कर दी है लेकिन प्रशासन की कार्रवाई कछुए की चाल से चल रही है. 

गोपाल रविदास ने कहा कि शेष बचे 1 करोड़ की राशि से हमने फुलवारी में ऑक्सिजन प्लांट लगाने की अनुशंसा की थी, लेकिन सरकार कहती है कि ऐसी अनुशंसा का प्रावधान ही नहीं है. फिर विधायकों का पैसा लेकर यह सरकार क्या करेगी? अभी तो युद्ध स्तर पर लगकर इन कार्यों को करना था. लेकिन इस संकट में भी भाजपा-जदयू के लोग ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं. वे नहीं चाहते कि कोई विधायक पहलकदमी ले. वे पैसा भी अधिग्रहित कर चुके हैं और काम भी ठीक से नहीं कर रहे हैं.  

यदि सरकार का रवैया इसी प्रकार का रहा तो कोविड के वर्तमान दूसरे लहर में शायद ही इस पैसे का सही उपयोग हो पाए. इसलिए प्रशासन को फौरी कार्रवाई करनी चाहिए. 

वहीं, माले विधायक दल नेता महबूब आलम बारसोई, अरूण सिंह काराकाट, महानंद सिंह अरवल, मनोज मंजिल अगिआंव, सुदामा प्रसाद तरारी, सत्यदेव राम दरौली, अमरजीत कुशवाहा मैरवां, बीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता सिकटा, रामबलि सिंह यादव जहानाबाद और अजीत कुशवाहा डुमरांव में एकदिवसीय अनशन पर बैठे.

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