आलोक कुमार
पटना.कोरोना वायरस ( Coronavirus ) महामारी के बीच बिहार में इन दिनों ब्लैक फंगस ( Black Fungus ) के मामलों में तेजी देखी जा रही है.इस बीच अब व्हाइट फंगस ( White Fungus ) के मामले मिलने से भी हड़कंप मचा गया है.
कोरोना वायरस पूरे देश में कहर बरपाया हुआ है. संक्रमितों में अन्य बीमारियों के लक्षण नजर आ रहे हैं जिससे डॉक्टरों और मरीजों की परेशानियां बढ़ रही हैं. वायरस से उबर चुके कई मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. बिहार में अब व्हाइट फंगस के मामले चिंता बढ़ा रहे हैं.पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में भर्ती कोरोना के चार मरीजों में व्हाइट फंगस की पुष्टि हुई है.
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सत्येंद्र नारायण सिंह ने कोरोना मरीजों में व्हाइट फंगस की पुष्टि की है. इस बारे में उन्होंने कहा कि ये फंगस मरीजों की स्किन को नुकसान पहुंचा रहा है. व्हाइट फंगस की देरी से पहचान होने पर जान जाने का भी खतरा है. उन्होंने कोविड और पोस्ट कोविड मरीजों से व्हाइट फंगस की समस्या को गंभीरता से लेने की अपील की है.
वहीं पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Patna AIIMS) में ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. क्रांति भावना ने बताया कि ह्वाइट फंगस भी ब्लैक फंगस की तरह इम्यून पॉवर कमजाेर होने पर संक्रमित कर सकता है. यह संक्रमण सामान्य एंटी फंगल दवाओं से ठीक हो जाता है. हालांकि, कमजोर इम्यून पावर की स्थिति में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
ब्लैक फंगस म्यूकरमाइकोसिस के कुल 34 नए मरीज बुधवार को पटना के बड़े सरकारी अस्पतालों में जांच कराने पहुंचे. इनमें से 24 लक्षण वाले मरीज एम्स की ओपीडी में जबकि नौ आईजीआईएमएस में और एक पीएमसीएच में पहुंचे.एम्स में पहुंचे 24 में से सात को इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया.अन्य को दवा देकर जांच कराने की सलाह दी गई है. वहीं, आईजीआईएमएस में आए सभी नौ लोगों को ब्लैक फंगस यूनिट में भर्ती किया गया. पीएमसीएच में पहुंचे एकमात्र मरीज को एम्स में ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई.
मिली जानकारी के अनुसार, व्हाइट फंगस की चपेट में वे कोरोना मरीज आ रहे हैं जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. व्हाइट फंगस उनके फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है. डॉक्टरों ने कहा कि इस फंगस की होने की एक वजह प्रतिरोधक क्षमता की कमी है. इसके अलावा डायबिटीज, एंटीबायोटिक लेने से या काफी समय तक स्टेरॉयड लेने से ये फंगस मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है.
ब्लैक फंगस बीमारी को लेकर बिहार सरकार गंभीर दिख रही है. सरकार ने इससे निपटने के लिए चिकित्सकों की टीम गठित की है. ब्लैक फंगस पर काबू पाने का जिम्मा आईजीआईएमएस और एम्स को सौंपा गया है. इसके लिए सरकार ने नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त किए हैं.
बिहार में कोरोना संक्रमण ने जहां सरकार की चिंता बढ़ा रखी है. वहीं, नई बीमारी ब्लैक फंगस के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. बिहार सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को एक्टिवेट करने का फैसला लिया है. जिससे टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट ऑफ निचले स्तर तक कारगर बनाया जाए. ताकि गांव में संक्रमण के रफ्तार को रोका जा सके.
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि दो अस्पतालों को ब्लैक फंगस के लिये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया गया है. जिसमें आईजीआईएमएस और पटना एम्स को सरकार ने चयनित किया है. दोनों अस्पतालों को पत्र भेजा गया है. ब्लैक फंगस को लेकर स्वास्थ्य विभाग में नोडल ऑफिसर भी बनाए गये हैं. ब्लैक फंगस को लेकर अलग से डॉक्टरों की टीम गठित की गई है.
हालांकि राहत की बात ये है कि एंटी फंगल दवा देने से ही चारों मरीज ठीक हो गए. डॉक्टर्स के मुताबिक व्हाइट फंगस से भी फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं. एचआरसीटी कराने पर कोरोना जैसा ही संक्रमण दिखाई देता है. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर एचआरसीटी में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो व्हाइट फंगस का पता लगाने के लिए बलगम कल्चर की जांच जरूरी है. उन्होंने बताया कि व्हाइट फंगस का रीजन भी ब्लैक फंगस की तरह की इम्युनिटी कम होना ही है. उन लोगों में इसका खतरा ज्यादा रहता है जो डायबिटीज के मरीज हैं. या फिर लंबे समय तक एस्टेरॉयड दवाएं ले रहे हैं.
न्यू बॉर्न बेबीज में ये डायपर कैंडिसोसिस के रूप में दिखता है तो वहीं महिलाओं में इसी वजह से ल्यूकोरिया की शिकायत हो सकती है. बिहार में ब्लैक फंगस के मामले पहले से ही सामने आ रहे हैं. बुधवार को 34 नए मरीज सामने आए थे. वहीं दो मरीजों की सर्जरी भी की गई. ब्लैक फंगस से बचने के लिए ऑक्सीजन या वेंटिलेटर का इस्तेमाल कर रहे मरीजों का खास ध्यान रखे जाने की जरूरत है. इस्तेमाल होने वाली नली बिल्कुल साफ होनी चाहिए.
बिहार में बीते दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में लगतार कमी आ रही है. बीते 24 घंटे में बिहार में कोरोना वायरस के 7 हजार 79 मामले सामने आए हैं. वहीं 12 हजार 43 लोग इलाज के बाद ठीक होकर घर लौट चुके हैं. बिहार में पिछले 24 घंटे में कोविड से 104 लोगों की मौत हो चुकी है.
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