आलोक कुमार
पटना.बिहार के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रभात कुमार का निधन हो गया.हृदय रोग से पीड़ित हजारों गंभीर रोगियों की जान बचाने वाले देश के चुनिंदा व प्रदेश के व्यस्ततम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रभात कुमार की मंगलवार को हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई.डॉ. प्रभात कोरोना संक्रमित थे.
प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार की मंगलवार को हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई.डॉ. प्रभात एक मई को कोरोना संक्रमित हुए थे और हालत गंभीर होने पर दस मई को उन्हें पटना से एयर एंबुलेंस से हैदराबाद भेजा गया था.वहां इकमो (एक्स्ट्रा कारपोलरी मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन सिस्टम) मशीन पर रखा गया था. कार्डियोलॉजिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के ग्रुप पर उनके निधन का संदेश मिलने के बाद प्रदेश के चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, आइजीआइसी के डॉ. एके झा समेत तमाम डॉक्टरों ने इसे प्रदेश की अपूर्णनीय क्षति बताया.
डॉ. प्रभात कुमार उत्कृष्ट सर्जन के साथ एक बेहतरीन क्लीनिशियन भी थे. उनके पास उत्तर प्रदेश, नेपाल और उत्तर पूर्वी राज्यों से भी रोगी इलाज कराने आते थे. प्रदेश में पहली बार एंजियोप्लास्टी की शुरुआत भी डॉक्टर प्रभात कुमार ने ही की थी.बिहार के चिकित्सा जगत को सबसे बड़ा झटका दे दिया है कोरोना ने.
डॉक्टरों के अनुसार कंकड़बाग के एक निजी अस्पताल में जब इकमो मशीन पर उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के उस निजी अस्पताल में भेजा गया था जहां फेफड़े प्रत्यारोपण की व्यवस्था थी.वहां उनकी हालत में सुधार देख कर डॉक्टरों को आशा थी कि जल्द ही फेफड़े प्रत्यारोपण कर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ कर दिया जाएगा, लेकिन खून में संक्रमण का रोग सेप्टीसीमिया होने से उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया.
डॉ प्रभात के परिजनों ने उनके निधन की पुष्टि की है. गौरतलब है कि वे लगभग एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हो गये थे. उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. 8 दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी थी. इसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था. हैदराबाद के अस्पताल में इलाज के बाद उनकी तबीयत थोड़ी सुधरी थी. लेकिन लंग्स में इंफेक्शन काफी ज्यादा था. लिहाजा दो-तीन बाद ही तबीयत फिर से बिगड़ने लगी.
पिछले 24 साल से प्रैक्टिस कर रहे डॉ प्रभात ने 1997 में दिल्ली राम मनोहर लोहिया अस्पताल से नौकरी की शुरूआत की थी. कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद वे पटना आ गये थे औऱ यहीं प्रैक्टिस शुरू कर थी. कुछ दिनों में वे पटना के सबसे प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ बन गये. उनसे इलाज के लिए इतनी भीड़ होती थी कि मरीजों को महीनों पहले नंबर लगाना पड़ता था. डॉ प्रभात समाज सेवा के कामों से भी जुड़े थे औऱ गरीबों का मुफ्त इलाज भी करते थे.
डॉ प्रभात ने बिहार में एंजियोप्लास्टी की शुरूआत की थी. उससे पहले एंजियोप्लास्टी के लिए बिहार के लोगों को दिल्ली या दूसरे बड़े महानगरों में जाना पडता था. डॉ प्रभात ने पटना के हार्ट अस्पताल में इसकी शुरूआत की. बाद में पटना के राजेंद्र नगर में हृदय रोग के अस्पताल मेडिका हार्ट इंस्टीच्यूट को स्थापित करने में भी डॉ प्रभात की बड़ी भूमिका रही.
डॉक्टर प्रभात कुमार के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है. सीएम ने कहा कि डॉ. प्रभात कुमार हृदय रोग के प्राख्यात डॉक्टर थे.वे बिहार में एंजियोप्लास्टी की सुविधा देने वाले पहले कार्डियोलॉजिस्ट थे. बिहार के लोगों को पहले एंजियोप्लास्टी के लिए एम्स या फोर्टिस जैसे संस्थानों में जाना पड़ता था. लेकिन डॉक्टर प्रभात ने ये सुविधा पटना में ही उपलब्ध कराई. डॉक्टर प्रभात कुमार समाज सेवा के कामों से भी जुड़े थे और गरीबों का मुफ्त इलाज भी करते थे. उनके निधन से चिकित्सा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.
पद्मश्री डॉ सीपी ठाकुर ने कहा कि मेरा प्रिय छात्र व प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ०प्रभात कुमार जी का कोरोना से निधन हो गया.उनके निधन से अत्यंत मर्माहत हूँ.बहुत कम उम्र में ही अपने अच्छे चिकित्सा गुणों व सामाजिक व्यवहारिकता से काफी लोकप्रिय थे. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिवार को संबल प्रदान करें. https://t.co/IEqQy6GuQU
समाज ने एक महान सामाजिक डॉक्टर को खो दिया.उनके निधन पर प्राचार्य डॉ. अमिता शर्मा, कुलसचिव डॉ. आरके ठाकुर, डीएसडब्ल्यू डॉ. अभय कुमार, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. गोपाल जी, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. रजनीश कुमार गुप्ता, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. उमेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. ललित किशोर, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. ललन शर्मा, डॉ. नवीन कुमार ने शोक जताया है.
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