विधायक और केंद्रीय राज्य मंत्री आमने-सामने

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विधायक और केंद्रीय राज्य मंत्री आमने-सामने

आलोक कुमार 
बक्सर.केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए बिहार के बक्सर जिला में मेडिकल मोबाइल यूनिट का शुभारंभ किया.वहीं आज बक्सर के विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से बक्सर सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री जी के एम्बुलेंस घोटाले को उजागर किया गया.एक ही एम्बुलेंस को बार बार उद्घाटन किया गया. 

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी से संबंधित संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दिये थे, अगर 48 घंटे के अंदर एंबुलेंस वापस नहीं आएगा तो अनिश्चितकालीन धरना देंगे.विधायक के द्वारा इस घोषणा के 5 घंटे के अंदर ही दबाव में सभी 5 पुराने एंबुलेंस पर नए स्टिकर लगाकर जिले में वापस दिया गया. 

मुन्ना तिवारी ने कहा कि एक ही चेसिस नम्बर की गाड़ियों का चार बार उद्घाटन किया गया. टाटा विंगर एम्बुलेंस 35 एसी पेट प्रकार ग बीएलएस है.टाटा विंगर एम्बुलेंस 35 एसी एबीएस टाइप सी बीएलएस है.इंजिन नम्बर 2.2 LDICOR 27 है.Chassis No.MAT460159 KUA00587 है. 


बावजूद,इसके सियासी हंगामे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आखिरकार एक ही एंबुलेंस का चौथी बार उद्घाटन कर दिया. ये छलावा जनता से ऐसे वक्त में किया जा रहा है जब यहां के लोगों को ऐसी एंबुलेंस की सख्त जरूरत है. 

बता दें कि अश्विनी कुमार चौबे ने नाम बदलकर चौथी बार एक ही एम्बुलेन्स का वर्चुअल उद्घाटन किया.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो ट्वीट कर कहा है कि हद हो गई! बक्सर के MP केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री चौबे जी भागलपुर वाले ने एक ही एम्बुलेन्स का एक बार नहीं 4 बार उद्घाटन किया लेकिन एक बार भी  एम्बुलेन्स नहीं चली.किसी को गिफ़्ट कर दी.अपने ही क्षेत्रवासियों के साथ यह ठगी करते है तो देश के साथ क्या करते होंगे? 

उन्होंने कहा कि ये महानुभाव केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे जी है.1 दिन का किराया भुगतान कर मंत्री जी तमाम एम्बुलेन्स को केवल उद्घाटन करने के लिए  बक्सर लाते हैं, लेकिन उद्घाटन होने के साथ ही उनका मालिक उसे वापस लेकर चला जाता है.फिर एक साल बाद मंत्री उन्हें बुलाते है और फिर उद्घाटन करते है. 

विदित है कि एक तरफ कोरोना कहर बरपा रहा है. वहीं दूसरी ओर जनता के साथ धोखा किया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में एसजेवीएन द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को वर्ष 2019 में गिफ्ट किये गये एम्बुलेंस का आज चौथी बार वर्चुअल उदघाट्न किया गया.  

उद्घाटन से पहले 6 में से 4 एम्बुलेंस को समाहरणालय सभागार में लाया गया. पुराने एम्बुलेन्स पर ही महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन का नया स्टिकर लगाया गया था. विधि विधान से उदघाट्न की तैयारी थी, लेकिन मीडियाकर्मियों के जमावड़ा को देख इस उद्घाटन समारोह में कोई भी अधिकारी हरी झंडी दिखाने के लिए उपस्थित नहीं हुआ. ना ही हरी झंडी दिखाई गई. मोबाइल के माध्यम से ही मंत्री महोदय ने सभी एम्बुलेंस को रवाना किया. 

दुर्भाग्य की बात है कि तीन साल में आज तक इस एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन तक नहीं हो पाया. ऐसे में इस एम्बुलेंस से कोई हादसा हो जाता है तो, उसका जिम्मेवार कौन होगा?  

इस एम्बुलेंस के पूर्व ड्राइवर सह 102 एम्बुलेंस चालक के अध्यक्ष कृष्णा कुमार ने बताया कि सबसे पहले इस एम्बुलेंस का सदर अस्पताल में उदघाट्न किया गया था. दूसरी बार किला मैदान बक्सर में, तीसरी बार रामगढ़ और चौथी बार आज समाहरणालय सभागर से 4 एम्बुलेंस को अलग-अलग विधानसभा के लिए रवाना किया गया. 

इस उद्घाटन समारोह में पहुंचे सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने मीडियाकर्मियों का जमावड़ा देख मामले से खुद को किनारा कर लिया.  मंत्री के आदेश पर इस एम्बुलेंस को धनुष फाउंडेशन को हैंड ओवर कर दिया गया है. धनुष फाउंडेशन ही इस एम्बुलेंस को अब चलाएगा. 

उदघाट्न समारोह में पहुंचे बीजेपी नेता ने किरकिरी होता देख, बिना हरी झंडी दिखाये ही कार्यक्रम से किनारा कर लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता के हित में यह निर्णय लिया गया है. मीडिया बेवजह ही इस मामले को तूल दे रही है. इस एम्बुलेन्स का आज चौथी बार नहीं पहली बार उद्घाटन किया जा रहा है. जिसमें 36 प्रकार के जांच की व्यवस्था की गई है.'एंबुलेंस का उद्घाटन जनता के हित में किया जा रहा है. आज इसका उदघाट्न किया गया लेकिन मीडिया बेवजह मामले को तूल दे रही है.'- परशुराम चतुर्वेदी, बीजेपी नेता. 

सबसे पहले 102 में इस एम्बुलेंस का उद्घाटन किया गया था. दूसरी बार चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार के नाम से इसका उद्घाटन किया गया. तीसरी बार इसका उद्घाटन कैमूर से किया गया. जबकि आज चौथी बार महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन के नाम से इसका उदघाट्न किया गया. 

इसी बीच 8 अप्रैल 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने विभागीय पत्र जारी कर बक्सर सिविल सर्जन को एसजेवीएन कम्पनी द्वारा गिफ्ट किये गए 6 एम्बुलेंस में से 5 एंबुलेंस धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर करने का निर्देश दे दिया. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने 5 एम्बुलेंस हैदराबाद के एनजीओ धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर कर दिया और सभी एम्बुलेंस बक्सर से बाहर भेज दिया गया. 

सिविल सर्जन को एसजेवीएन कम्पनी द्वारा गिफ्ट किये गए 6 एम्बुलेंस में से 5 एंबुलेंस धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर करने का निर्देश दे दिया. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने 5 एम्बुलेंस हैदराबाद के एनजीओ धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर कर दिया और सभी एम्बुलेंस बक्सर से बाहर भेज दिया गया. 


केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि महर्षि विश्वामित्र चलंत आरोग्य वाहन नामक यह सेवा बक्सर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में उपलब्ध करायी जाएगी.फिलहाल इसे पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर बक्सर में लागू किया गया है.इस मौके पर अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि मेडिकल मोबाइल यूनिट के जरिए ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करने, टेलीमेडिसिन के माध्यम से डॉक्टरों से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने, खून की जांच के साथ-साथ चिकित्सीय सलाह उपलब्ध कराया जाएगा. यह सेवा मील का पत्थर साबित होगी. 

इस मौके पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, एम्स पटना के निदेशक डॉ.पीके सिंह, धनुष फाउंडेशन के डीएसएन मूर्ति, बक्सर, कैमूर, सासाराम के जिला प्रशासन के आला अधिकारी सिविल सर्जन प्रमुख रूप से वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे. मेडिकल मोबाइल यूनिट का संचालन धनुष फाउंडेशन हैदराबाद द्वारा किया जाएगा। 

बताया गया कि पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत जनपद में फिलहाल 5 वाहन चलेंगे. इसमें डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, नर्स आदि की व्यवस्था फाउंडेशन द्वारा की जाएगी.मोबाइल लैब के माध्यम से रक्त की जांच एम्स पटना के चिकित्सकों द्वारा टेलीमेडिसिन से चिकित्सा सलाह, योग ट्रेनिंग एवं आयुष की भी परामर्श उपलब्ध कराई जाएगी. कोरोना के एंटीजन टेस्ट की भी व्यवस्था दी की जाएगी. 


बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था गांव के लिए शुरू होने से निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण काल में यह वरदान साबित होगा.केंद्र एवं राज्य सरकार कोरोना के विरुद्ध जंग को सफलतापूर्वक लड़ रही है.इसमें जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है. हम सभी का लक्ष्य है दूरदराज के गांवों तक बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो. संक्रमण काल का समय है, ऐसे समय में मेडिकल मोबाइल यूनिट की पहल सराहनीय है. इससे होम आइसोलेशन एवं अन्य गैर कोविड मरीज को काफी लाभ होगा. 


वर्चुअल माध्यम से पटना एम्स निदेशक डॉ पी के सिंह ने कहा कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर ग्रामीणों को सलाह देंगे. पहले से ही बक्सर का जिला अस्पताल टेलीमेडिसिन के जरिए पटना एम्स से जुड़ा हुआ है.जिसके माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराया जाता है. 
 

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