पंचायतों का कार्यकाल को छह महीने बढ़ाए सरकार- माले

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

पंचायतों का कार्यकाल को छह महीने बढ़ाए सरकार- माले

आलोक कुमार 
पटना.भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि कोविड के प्रकोप को देखते हुए पंचायतों केे चुनाव को हमने 6 महीने तक टालने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस नाम पर पंचायतों को नौकरशाही के हवाले कर देने की साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. खबर मिली है कि सरकार पंचायतों के कामकाज को नौकरशाहों के हवाले करने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है. 

माले राज्य सचिव ने कहा कि यह पूरी तरह से लोकतंत्र विरोधी कदम होगा. सरकार, आखिर पंचायतों के ही कार्यकाल को अगले 6 महीने तक बढ़ाने का अध्यादेश क्यों नहीं लाती ? बिहार के इतिहास में ऐसा पहले हो चुका है, जब पंचायतों के कार्यकाल विशेष स्थितियों में बढ़ाए गए. ऐसे भी, जनप्रतिनिधि ही इस संकट काल में सही ढंग से आम लोगों के बीच राहत अभियान चला सकते हैं, क्योंकि वे प्रत्यक्ष तौर पर जनता से जुड़े होते हैं.  

आगे कहा कि बारंबार मुख्यमंत्री से आग्रह के बाद भी स्वास्थ्य स्थितियों में बदलाव नहीं दिख रहा है. मंगल पांडेय के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कुछ हो भी नहीं सकता. वे इतने नकारा साबित हो चुके हैं कि आज हर स्तर पर उनके खिलाफ जनता का आक्रोश फूट पड़ा है. स्वास्थ्य मंत्री अभी जिन जिलों के प्रभारी बनाए गए हैं, वहां की बैठकों तक में हिस्सा नहीं लेते. हमारी मांग है कि नीतीश कुमार स्वास्थ्य विभाग को तत्काल अपने हाथ में लें और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर के अभियान में उतरें. 

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी का वह बयान, जिसमें उन्होंने कहा है कि ड्राइवर नहीं होने के कारण एंबुलेंस बंद पड़े हैं, भाजपाइयों के विकास की लफ्फाजी को ही व्यक्त करता है. भला, महासंकट के इस दौर में कुछ ड्राइवरों की व्यवस्था करना सरकार के लिए क्या बड़ा काम था? हजारों-लाखों युवा बेरोजगार बैठे हैं. उनमें से बहाली हो सकती थी. लेकिन लोग मर रहे हैं और एंबुलेंस को छिपाया जा रहा है. ऐसा लगता है कि भाजपा के मंत्री-नेता इस महासंकट में भी कुछ अलग ही गुल खिला रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. 

कोविड के बढ़ते संक्रमण की चपेट में लोग लगातार आ रहे हैं. गोपालगंज में भाकपा-माले के नेता व इंसाफ मंच के जिला सदर जफर जावेद का निधन हो गया. छात्र जीवन में ही उनका जुड़ाव भाकपा-माले से हुआ था. बाद में उन्होंने दारोगा की नौकरी की. रिटायरमेंट के बाद इंसाफ मंच में सक्रिय हुए. वर्ष 2019 में एनआरसी, सीएए व एनपीआर के खिलाफ आंदोलन में अगुआ भूमिका निभाई. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में भी अच्छी भूमिका निभाई. 

पार्टी ने कोविड पीड़ित सारण जिला कमिटी के सदस्य व अमनौर प्रखंड के सचिव जनार्दन शर्मा तथा पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा के पार्टी प्रभारी व पूर्व जिला कमिटी सदस्य काॅ. महेन्द्र शर्मा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. 
 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :