माले का मांग दिवस 28 अप्रैल को

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माले का मांग दिवस 28 अप्रैल को

आलोक कुमार 
पटना.कई बार सरकार को कोविड महामारी से निपटने के लिए कई जरूरी सुझाव दिए गये हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं दिखलाई पड़ रहा है. लिहाजन 28 अप्रैल को अपने घर व कार्यालयों से पोस्टरों के साथ बेड, आॅक्सीजन, वेंटिलेटर व जांच की व्यापक व्यवस्था करने की मांगों को उठाने का फैसला किया गया है. 

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि हमारी पार्टी ने विगत 19 अप्रैल को आयोजित सर्वदलीय बैठक और उसके पटना व राज्य के विभिन्न अस्पतालों का दौरा करने के बाद कई बार सरकार को कोविड महामारी से निपटने के लिए कई जरूरी सुझाव दिए हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं दिखलाई पड़ रहा है. लिहाजन हमने 28 अप्रैल को अपने घर व कार्यालयों से पोस्टरों के साथ बेड, आॅक्सीजन, वेंटिलेटर व जांच की व्यापक व्यवस्था करने की मांगों को उठाने का फैसला किया है. 

उन्होंने कहा कि हमने बार-बार डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने, पटना के निजी सहित सभी अस्पतालों में न्यूनतम 50 प्रतिशत बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित करने, जिला अस्पतालों में न्यूनतम 100 वेंटिलेटर सहित 500 बेड वाले अस्पताल की व्यवस्था करने आदि का सुझाव दिया, लेकिन सरकार के प्रयास पहले से भी कमजोर दिखलाई पड़ रहे हैं. बिहटा में पिछली बार 500 बेड चल रहे थे, लेकिन इस बार वहां महज 50 बेड ही उपलब्ध है. ऐसी स्थिति में कोविड की मार को भला कैसे रोका जा सकता है? 

बेड व आॅक्सीजन की कमी, मिसमैनेजमेंट के कारण लोगों की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है. हम एक बार फिर से सरकार से मांग करते हैं कि वह सामान्य दिनों की तरह काम करने की बजाए युद्धस्तर पर काम करे.बिहार की जनता से कल कोविड के नियमों का पालन करते हुए राज्यव्यापी मांग को सफल बनाने की अपील भी की . 

भाकपा-माले के सभी विधायक और पार्टी-नेता कार्यकर्ता कोविड से खत्म हो रही जिंदगियों के बीच जनता की सेवा करने के लिए लगातार तत्पर हैं. भोजपुर में अगिआंव विधायक मनोज मंजिल व जिला सचिव जवाहर सिंह के नेतृत्व में एक बार फिर आरा सदर अस्पताल का निरीक्षण किया गया. अस्पताल में आॅक्सीजन का अभाव बरकरार है, मरीजों के साथ-साथ अभी तक डाॅक्टरों के लिए भी कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जा सकी है, सीटी स्कैन बंद है, मेडिकल वार्ड में बाथरूम व शौचालय की स्थिति काफी खराब है. माले ने इन समस्याओं को तत्काल ठीक करने की मांग की है. आइसा-इनौस के द्वारा आरा में संचालित जन सहायता केंद्र के द्वारा अब तक कई मरीजों की जान बचाई गई है. 

वहीं, जिरोदेई विधायक अमरजीत कुशवाहा के नेतृत्व में भाकपा-माले, आइसा-इनौस की एक टीम ने आज सिवान सदर अस्पताल का दौरा किया. अस्पताल में आईसीयू बंद पड़े हैं, आॅक्सीजन मरीजों को रहने के बावजूद नहीं मिल रहा है, अब तक सदर अस्पताल के 25 स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं. कोविड सेंटर के नाम पर केवल महाराजगंज में एक सेंटर चल रहा है. माले विधायक ने कहा कि स्थिति लगातार गंभीर हो रही है.

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