आलोक कुमार
पटना.हरेक साल ईसाई समुदाय मई माह को माता मरियम को समर्पित करते हैं.माता मरियम की प्रतिमा समक्ष श्रद्धापूर्ण माहौल में प्रार्थना करते हैं.अपनी मनोरथ को माता मरियम के पास रखकर पूरी कर देने का आग्रह करते हैं.ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कोविड-19 महामारी के अंत के लिए मई महीने में प्रार्थना करने का आह्वान किया है.
इसी के आलोक में संत पापा फ्रांसिस ने विश्वभर के काथलिकों का आह्वान किया है कि वे मई माह में संत मरियम के महीने को महामारी के अंत के लिए समर्पित कर दें.उन्होंने कहा है कि हे मरिया के लड़को,आया "मे" महीना.मिलके माता पास आओ, उस से करने प्रार्थना.सुगंधित फूल तोड़ तोड़ के आनंद करते लाओ.उसकी मूर्ति श्रंगार के उसके पास घुटने टेको.उनसे निवेदन करें कि संसार महामारी का अंत कर दें.
संत पापा फ्राँसिस ने सभी काथलिकों तथा विश्वभर के मरियम तीर्थस्थलों का आह्वान किया है कि कोविड- 19 महामारी के अंत के लिए मई महीने को प्रार्थना के मैराथन के लिए समर्पित करें.संत पापा फ्रांसिस द्वारा समर्थन प्राप्त इस पहल में विश्वभर के 30 मरियम तीर्थस्थल भाल लेंगे.
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "इस पहल में विश्वभर के तीर्थस्थल विशेष रूप से जुड़े होंगे ताकि वे विश्वासियों, परिवारों एवं समुदायों को महामारी के अंत के लिए रोजरी प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे."
संत मरियम को समर्पित माह का उद्घाटन 1 मई को संत पापा फ्राँसिस करेंगे जिसको वाटिकन मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा.वाटिकन न्यूज द्वारा रोम समयानुसार हर दिन शाम 6.00 बजे विभिन्न तीर्थस्थल में रोजरी की प्रार्थना को प्रसारित की जायेगी.
महामारी के अंत के लिए इस साल की प्रार्थना, हमें 2020 के मार्च में वायरस की पहली लहर के समय की गई प्रार्थना की याद दिलाती है.संदेह और कठिनाई की उस घड़ी में, संत पापा फ्राँसिस ने संत मर्था प्रार्थनालय में दैनिक ख्रीस्तयाग द्वारा प्रार्थना के लिए विश्व का संचालन किया था.
एक साल से अधिक के बाद और जब विश्व में महामारी का प्रकोप जारी है संत पापा एवं विश्व भर की कलीसिया पुनः ईश्वर से प्रार्थना करना चाहते हैं ताकि उस पीड़ा का अंत हो जिससे बहुत सारे लोग पीड़ित हैं.पोप ने 14 मई को सभी धर्मों के लोगों को साथ आकर प्रार्थना करने को कहा है.
पोप ने कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी है सबसे जरूरी टेक्नोलॉजी की पहुंचना हर देश तक हो और इसकी गारंटी दी जाए. इस दुनिया किसी भी इलाके के, किसी भी संक्रमित मरीज को पूरा ट्रीटमेंट हासिल करने का अधिकार है.
पोप ने एक प्रपोपल भी दिया है. उन्होंने सभी धर्मों के ग्रुप से एक दिन मिलकर प्रार्थना करने को कहा है. इसके लिए एक इंटर रिलिजियस ग्रुप बनाया जाएगा, जिसे हाइअर कमिटी ऑन ह्यूमन फैटरनिटी फॉर एन इंटरनेशन डे का नाम दिया जाएगा. पोप ने कहा है कि सभी लोग 14 मई उपवास रखें, ईश्वर से प्रार्थना करें कि वो मानव जाति को इस महामारी से बचने में सहायता प्रदान करें.
इसके पहले पोप फ्रांसिस ने कहा था कि कोरोना की महामारी पर्यावरण के साथ किए मानवीय छेड़छाड़ पर कुदरत का दिया जवाब हो सकता है. कुदरत ने पर्यावरण संकट पर अपने तरीके से जवाब दिया है. पोप फ्रांसिस ने एक ईमेल से दिए इंटरव्यू में ये बातें कही थीं. पोप फ्रांसिस का इंटरव्यू कॉमनवेल्थ मैगजीन में छपा था.
अप्रैल के शुरुआती दिनों में दिए इंटरव्यू में पोप ने कहा था कि इस महामारी ने हमें एक अवसर प्रदान किया है कि हम अपने उत्पादन और खपत को धीमा करें. हम कुदरत को समझें और उसी के मुताबिक व्यवहार करें. पोप ने कहा- ‘हमने आंशिक तबाही पर कोई जवाब नहीं दिया.
इस समय दुनिया में अब तक 14 करोड़ 44 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. इनमें 30 लाख 71 हजार मरीजों की मौत हो चुकी है. 12.22 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं. फिलहाल 1.87 करोड़ लोगों का इलाज चल रहा है. इनमें एक लाख 9 हजार 845 मरीजों की हालत क्रिटिकल है और 1.86 करोड़ लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं.
बुधवार को दुनिया में 14,088 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो गई. सबसे ज्यादा 3157 मौतें ब्राजील में रिकॉर्ड की गईं. इसके बाद 2102 मौतें भारत में और 876 मौतें अमेरिका में हुईं. पोलैंड में 740 और मैक्सिको में 582 मौतें हुईं.
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