पटना एम्स में डॉक्टर्स मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव

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पटना एम्स में डॉक्टर्स मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव

आलोक कुमार 
पटना.बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच, एनएमसीएच के बाद अब पटना एम्स में भी बड़ी संख्या में डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित हो गए हैं.पटना एम्स में दूर-दूर से लोग इलाज कराने आते हैं.इस अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ, मेडिकल स्टुडेंट्स, डॉक्टर्स के अलावे आउटसोर्सिंग को मिलाकर कुल 3800 की संख्या में है, जिसमें से डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ मिलाकर कुल 384 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं.अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी भयावह है. 

बताते चले कि 1000 बेड की क्षमता वाले पटना एम्स में अभी वर्त्तमान में 200 कोविड मरीज भर्ती है. अत्याधुनिक मशीन से लैस इस अस्पताल में भी अब डॉक्टर्स की कमी महसूस की जा रही है.पटना एम्स में एक साथ इतने डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ का कोरोना पॉजिटिव होने से इलाज कराने आये मरीज और उनके परिजनों में दहशत का माहौल बन गया है. खासकर तब जब पटना एम्स में बिहार के दूरदराज से लोग इलाज कराने पहुंचे हैं.अब बिहार के स्वास्थ्य विभाग पटना एम्स में आक्सीजन की कमी की साथ-साथ डॉक्टर्स की कमी की ओर कब ध्यान देता है और सब कुछ सुचारू रूप से कब शुरू होता है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. 

मेडिकल सुपरिटेंडेंट पटना एम्स डॉ. सीएम सिंह ने एम्स के डॉक्टर, नर्सिंग व अन्य स्टाफ मिलाकर 384 के कोरोना संक्रमित होने की बात स्वीकार किया है. एम्स कर्मी डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ अपने घरों, क्वार्टर्स आदि में आइसोलेट होकर स्वस्थ हो रहे हैं. एम्स पटना के डीन डॉ. उमेश भदानी ने कहा कि इतने बड़े अस्पताल में यह कोई बड़ी बात नहीं है, हालांकि उन्होंने कोरोना वारियर्स के स्वाथ्य के लिये चिंता भी जताई है. उन्होंने बताया कि उनमें कई स्वस्थ भी हो रहे हैं. 

कोरोना बेकाबू हो जाने से चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है.कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले और मौतों के आंकड़ों से हर कोई डरा हुआ है. कई निजी अस्पतालों में अभी भी आक्सीजन के अभाव में इलाज चरमरायी हुई है. वहीं राज्य सरकार कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए कई सख्ती बरत रही है.बीते 24 घंटे में बिहार में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हुआ है.संक्रमण चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 12 हजार के पार हो गई है.जहां बीते मंगलवार को सूबे में कोरोना के 10455 मामले सामने आए थे. वहीं बुधवार को एक दिन में रिकार्ड 12222 नए संक्रमित मिले हैं. जिससे शासन-प्रशासन के बीच हड़कंप मचा हुआ है. 

बिहार स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में सूबे में कोरोना संक्रमण के 12222 नए मामले सामने आए हैं.पटना जिला की बात करें तो पटना में एक दिन में कोरोना के 2919 नए मामले सामने आए हैं. जबकि बीते मंगलवार को एक दिन में 2186 मामले सामने आए थे.पटना जिला में अब तक 547 लोगों की मौत हो चुकी है.वहीं 15310 कोरोना के सक्रिय मरीज हैं.वहीं पटना के अलावे बिहार के अन्य सर्वाधिक प्रभावित जिलों की बात करें तो भागलपुर में 526, बेगूसराय में 587, सारण में 636, सहरसा में 175, शेखपुरा 144, वैशाली 311, प. चंपारण में 516, पूर्वी चंपारण 260, जहानाबाद 136, लखीसराय 104, मुजफ्फरपुर 445, नालंदा 225, नवादा 268, मुंगेर 229, समस्तीपुर 168, भोजपुर 142, दरभंगा 106, औरंगाबाद 560, अरवल 98, गया में रिकार्ड 861, सुपौल 194, सीवान 263, पूर्णिया 318, रोहतास में 174 और अन्य राज्यों से बिहार आए प्रवासियों के 66 नए मामले सामने आए हैं.जबकि कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले बढ़कर 63746 हो गए हैं, जबकि बीते बुधवार को एक्टिव मामले 56354 थे.वहीं विगत 24 घंटे में कुल 105980 सैम्पल की जांच हुई है. जबकि मंगलवार को 106156 सैम्पल की जांच हुई थी. अबतक कुल 2,88,637 मरीज ठीक हुए हैं. बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत घटकर 81.47 पर पहुंच गया है. 

आरटी-पीसीआर कराने वालों को समय पर नहीं मिलता है रिपोर्ट 

नैजल स्वैब का सामान्य तौर पर प्रयोग किया जाता है और इसकी संवेदनशीलता भी बाकी स्वैब की तुलना में ज्यादा है. RT-PCR की रिपोर्ट आने में कुछ समय लगता है.इसकी रिपोर्ट 6 से 8 घंटे में आती है और 32 प्रतिशत व्यक्तियों को इंफेक्शन होते हुए भी रिपोर्ट निगेटिव हो सकती है. इस टेस्ट से केवल यह पता चलता है कि कोरोना वायरस आपके शरीर के अंदर मौजूद है. आगे चलकर आपको कितना गंभीर संक्रमण करेगा या आगे चलकर भी इसके कोई लक्षण आएंगे या नहीं? आगे कुछ परेशानी हो सकती हैं या नहीं? यह नहीं बताता। इसलिए जिनमें कोई लक्षण नहीं होते, उनमें भी ये टेस्ट पॉजिटिव आता है.ये बहुत ही specific टेस्ट होते हैं.बताया जाता है कि 15 अप्रैल को RT-PCR करवाने वालों 21 अप्रैल को रिपोर्ट मिली है. 
 

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