चंचल
खूब बोला भाई ,
- बोला क्या ?
- यही तो समझ मे नही आ रहा है .
- हम समझा देते हैं , गौर से सुनिए - हमे, देश को सबसे पहले लाकडाउन से बचाना है .'
- और कोबिद19 ?
यह नही बोला गया .इसे भाषा के रफूगर बोलेंगे और डिब्बे की रंगीनियाँ चीख चीख कर सोहर के ताल में गाएंगी .नीचे से ताली बजेगी - 'सब मुमकिन है ।, सब मुमकिन है ।.'
- कॅरोना से कौन लड़ेगा ? करोना को कौन रोकेगा ?
- हुकूमत कॅरोना से नही लड़ेगी .
- क्यों ?
- क्यों कि कॅरोना से लड़ने का हथियार भोथरा हो गया है .आक्सीजन निकल गया है . 48 के बिछे बेड का चूर टूट गया है . दवाइयाँ बनानेवाले आबकारी में जा रहे हैं दवाइयों की कमी है .
- इसका बन्दोबस्त करो
- वही तो कर रहा हूँ ।इसके लिए फंड चाहिए .फंड केयर करता है .घराने का धुंवा निकलता रहेगा तो केयर होगा , लेकिन , लाकडाउन .
- क्या लाकडाउन ?
- लाकडाउन आर्थिक मुहाने को जाम कर देता है .मेहनत , मजदूरी , हुनर और लगन जिसके हाथ मे है वे लाकडाउन में दर ब दर हो जाते हैं , इसलिए अब लाकडाउन नही लगेगा .
- अब समझ मे आया ? पहले क्यों नही समझे ?
- हम राहुल गांधी से नही समझेंगे .हमे समझाने के लिए हमारे ' दो ' काफी हैं .
जोर से बोलो -
दो हम , दो हमारे .
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