विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी जल्दी भारत वापसी कराये

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी जल्दी भारत वापसी कराये

आलोक कुमार 
मुजफ्फरपुर.मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड के दिनेश सहनी (39) और कटरा प्रखंड की तेहवारा पंचायत के ठेकराना टोला निवासी बहादुर महतो (32) करीब 34 दिनों से पाकिस्तान के कब्जे में है.इन दोनों के अलावा सात-आठ अन्य भारतीय भी वहां फंस गए हैं.दिनेश सहनी के पुत्र इंद्रजीत कुमार  मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने विदेश मंत्री से और बहादुर महतो के स्वजनों ने कटरा अंचलाधिकारी को आवेदन देकर बहादुर की रिहाई की गुहार लगाई है.अभी तक गुजरात के पोरबंदर में एंजल पालघर फिशिंग बोट में काम करने के दौरान भटककर पाकिस्तानी समुद्री सीमा में चले जाने वाले पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त नहीं हुए हैं. 
गुजरात के पोरबंदर में एंजल पालघर फिशिंग बोट में काम करने के दौरान भटककर पाकिस्तानी समुद्री सीमा में चले गए थे. इसके बाद पाक जलसेना ने उन्हें कब्जे में ले लिया. उनके साथ बोट पर काम करने वाले अन्य सात से आठ कर्मियों को भी पाकिस्तान के कब्जे में होने की बात कही जा रही है.दिनेश के पुत्र इंद्रजीत कुमार को 18 मार्च को इसकी सूचना बोट कंपनी की ओर से मिली. इंद्रजीत के आवेदन पर मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने विदेश मंत्री से दिनेश सहनी की भारत वापसी का आग्रह किया है. 

गायघाट कमरथू निवासी दिनेश के पुत्र इंद्रजीत ने बताया कि वे जनवरी में आए घर आए थे. होली से 20 दिन पहले पोरबंदर गए थे. 18 मार्च को उसे सूचना मिली कि पिता पाकिस्तान के कब्जे में हैं.इसके बाद से सभी परेशान हैं. परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं पर है. दिनेश की पत्नी का निधन वर्ष 2009 में ही हो चुका है.दो पुत्र एवं दो पुत्रियों में सबसे बड़े इंद्रजीत (19) ही सबकी देखभाल करता है.दो साल से दिनेश फिशिंग बोट पर काम कर रहे थे. इंद्रजीत की मानें तो वहां अधिक आमदनी नहीं है. चार से पांच सौ रुपये रोज पर ही काम कर रहे थे. इतनी आमदनी बिहार में भी हो जाती.अब एक तो पिता के दुश्मन देश के कब्जे में होना. दूसरे आमदनी का जरिया समाप्त हो जाने से परिवार की स्थिति खराब हो गई है.मालूम हो कि इससे पहले भी जिले का एक युवक रामदास पाकिस्तान के कब्जे में था.पंजाब सीमा से भटककर वह पाकिस्तान चला गया था.काफी मशक्कत के बाद उसकी घर वापसी हुई, मगर मानसिक रूप से वह पूरी तरह कमजोर हो गया था.   


सांसद अजय निषाद ने विदेश मंत्री को लिखे पत्र  

सांसद अजय निषाद ने 13 अप्रैल को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखा है. इस पत्र में सांसद ने विदेश मंत्री से कमरथू निवासी दिनेश सहनी भारत वापस लाने की मांग की है. सांसद ने विदेश मंत्री से उचित कदम उठाने की मांग की है. सांसद ने बताया कि पीड़ित के पुत्र इन्द्रजीत कुमार ने उनको पत्र देकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है. 

मछली पकड़ने के दौरान समुद्र में भटककर गायघाट के दिनेश सहनी पाकिस्तान पहुंच गए.पाकिस्तान में फंसे इस नाविक की भारत वापसी के लिए सांसद अजय निषाद ने विदेश मंत्री से संपर्क साधा है.सांसद अजय निषाद ने विदेश मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि कमरथू गायघाट निवासी दिनेश सहनी नाव लेकर मछली मारने के क्रम में पाकिस्तान क्षेत्र में चले गए है, जहां पर उनको बंदी बना लिया गया है. गौरतलब है कि दिनेश रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात के पोरबंदर गए थे. जहां वे निजी फिशिंग बोट कंपनी में काम करते थे. दिनेश समुद्र में मछली पकड़ने का काम करते थे. इसी दौरान वह समुद्र में भटकने के बाद पाकिस्तानी इलाके में दाखिल हो गए.जिसके बाद जासूसी की आशंका में पाकिस्तानी सेना से उसे गिरफ्तार कर लिया. सांसद ने कहा कि दिनेश सहनी "एंजल पाल घर मछली वोट' पर गुजरात के पोरबंदर में काम करते थे.समुद्र में भटक जाने के कारण उनको पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया है. सांसद ने भारत वापस के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है. सांसद ने बताया कि पीड़ित के पुत्र इन्द्रजीत कुमार ने उनको पत्र देकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है.दिनेश के पुत्र इंद्रजीत कुमार को 18 मार्च को इसकी सूचना बोट कंपनी की ओर से मिली. इंद्रजीत के आवेदन पर मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने विदेश मंत्री से दिनेश सहनी की भारत वापसी का आग्रह किया है. 

ठेकराना टोला निवासी बहादुर महतो 
जिले का एक और युवक दुश्मन देश पाकिस्तान में फंस गया है.कटरा प्रखंड की तेहवारा पंचायत के ठेकराना टोला निवासी बहादुर महतो (32) करीब एक माह से पाकिस्तान के कब्जे में है. गुजरात के पोरबंदर में फिशिंग बोट पर काम करने के दौरान वह भटककर पाकिस्तान की सीमा में चला गया था. इसके बाद पाकिस्तानी जल सेना ने उसे कब्जे में ले लिया. 

बहादुर के छोटे भाई राकेश महतो ने बताया कि फरवरी में वह घर आया था. दस दिन रहने के बाद वह फिर गुजरात चला गया। चार भाइयों में तीसरे नंबर के बहादुर के बारे में 18 मार्च को फिशिंग बोट कंपनी की ओर से सूचना दी गई कि वह पाकिस्तान में फंस गया है.इसके बाद से स्वजन परेशान हैं। पिता विनोद सहनी बीमार रहते हैं। पुत्र के दुश्मन देश में फंसने से वे भी परेशान हो गए हैं. पत्नी मनीषा देवी और उसके तीन छोटे बच्चे की भी चिंता परिवार को है.स्वजनों ने कटरा अंचलाधिकारी को आवेदन देकर बहादुर की रिहाई की गुहार लगाई है. 

राकेश ने बताया कि बहादुर पिछले चार-पांच वर्षों से बोट पर काम करता था.दस दिनों का अवकाश कंपनी की ओर से दिया जाता है.फरवरी में दस दिन के लिए आकर फिर लौट गए.ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद नौ मार्च को उनसे अंतिम बार बात हुई थी. 18 मार्च को कंपनी की ओर से बताया कि मछली मारने के दौरान समुद्र में भटककर वे पाक सीमा में चले गए.इसके बाद से वहीं फंसे हैं. इसके बाद स्थनीय जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी.कोई फायदा नहीं हुआ तो सीओ के यहां आवेदन दिया गया है.दुश्मन देश में फंसने के कारण सभी असुरक्षित हैं. सरकार शीघ्र रिहाई का प्रयास करे. 

दिनेश सहनी की तस्वीर  
 

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