चुनाव निपटाने के बाद सुनील अरोड़ा लाट साहब बन जायेंगे

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चुनाव निपटाने के बाद सुनील अरोड़ा लाट साहब बन जायेंगे

आलोक कुमार 
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त(सीईसी) हैं सुनील अरोड़ा. उन्होंने विज्ञान भवन में पांच राज्यें का चुनाव तारीखों का ऐलान करते समय कहा कि यह मेरी आखिरी प्रेस कांफ्रेंस है.पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल समेत पांच राज्यों में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक मतदान हो रहा है.इन पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव कराकर अगले दिन ही 30 अप्रैल को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा अपने पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे.   

राजस्थान कैडर के 1980 बैच के आईएएस अफसर हैं सुनील अरोड़ा.उनका जन्म 13 अप्रैल 1956 को पंजाब के होशियारपुर में हुआ.एक सितंबर 2017 को वह चुनाव आयोग में इलेक्शन कमिश्नर (चुनाव आयुक्त) बने और फिर दो दिसंबर 2018 को उन्हें देश के मुख्य चुनाव आयुक्त(सीईसी) की जिम्मेदारी संभाली. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, स्किल डेवलपमेंट सहित केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों में कार्य कर चुके हैं. 

पंजाब यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी से एमए करने के बाद सिविल सर्विसेज में आने वाले सुनील अरोड़ा राजस्थान में लंबी प्रशासनिक पारी खेल चुके हैं. वह राजस्थान के मुख्यमंत्री के सचिव और प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं. 29 अगस्त 2014 से वह केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर हैं. अब 30 अप्रैल 2021 को मुख्य चुनाव आयुक्त पद से रिटायर होंगे. दो दिसंबर 2018 को मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर उनकी ढाई वर्ष के लिए नियुक्ति हुई थी. 


राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस दोनों सरकारों में अपनी प्रशासनिक दक्षता का लोहा मनवा चुके हैं.राजस्थान में प्रशासनिक सेवा के दौरान विभिन्न जिलों में तैनाती के अलावा 62 वर्षीय अरोड़ा ने केंद्र सरकार में सूचना एवं प्रसारण सचिव और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया.इसके अलावा वह वित्त और कपड़ा मंत्रालय एवं योजना आयोग में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह 1993 से 1998 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री के सचिव और 2005 से 2008 तक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे. 

गृह मंत्रालय में अपर मुख्य सचिव, छोटे उद्योग मंत्रालय के मुख्य सचिव, निवेश व प्रोटोकॉल के मुख्य सचिव रहने के साथ अरोड़ा राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास व निवेश निगम के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर भी रहे हैं.इसके अलावा अरोड़ा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सचिव, कौशल विकास व उद्यमिता सचिव की भूमिका में भी रहे हैं. 

उन्होंने राजस्थान में जोधपुर, अलवर व ढोलपुर जिलों में जिलाधिकारी की भूमिका निभाई। इसके साथ ही वह भारत सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे.उन्होंने इंडियन एयरलाइंस के चेयरपर्सन व मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं.  अरोड़ा 30 अप्रैल 2016 को सेवानिवृत्त हुए थे.सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स का महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया था. 


चुनाव आयुक्त के रूप में सुनील अरोड़ा की नियुक्ति 31 अगस्त 2017 को हुयी थी. 01 सितंबर, 2017 को चुनाव आयोग में शामिल होने से पहले सूचना एवं प्रसारण सचिव रहे हैं सुनील अरोड़ा.उन्होंने अब तक 2019 के लोकसभा चुनाव सहित 11 प्रमुख इलेक्शन कराए हैं. 

उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के दौरान बिहार में विधानसभा चुनाव करवाए जाने को ऐतिहासिक करार दिया.अरोड़ा ने कहा, आप कह सकते हैं कि मैंने एक अच्छी पारी खेली. मुझे चुनाव आयुक्तों और अन्य सहयोगियों का भी अच्छा सहयोग मिला. उन्होंने अपनी मां का लिखा हुआ एक शेर भी पढ़ा-किसी से हमसुखन नहीं होता महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आती जो अपना काम करते हैं. 

पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय अफसरों को पारितोषिक इनाम मिलता है.पूर्व मुख्य न्यायाधीश भारत रंजन गोगोई को राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित करने के एक साल बाद, केंद्र ने कथित तौर पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा को गोवा के राज्यपाल के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है.केंद्र ने राजस्थान कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में "प्रशासनिक क्षमताओं की मान्यता" में CEC के रूप में सेवानिवृत्त हुए 65 वर्षीय अरोड़ा को नियुक्त करने की योजना बनाई है. 
सुनील अरोड़ा, गोवा का राज्यपाल के रूप में कभी भी हो सकती है. सुनील अरोड़ा को मिलेगा वफादारी का ईनाम, बनाया जा सकता है गोवा का नया राज्यपाल. 
 

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