आलोक कुमार
नूरसराय.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला नालंदा है.कोरोना की प्रचंडता नालंदा जिले में थमने का नाम नहीं ले रही है.शनिवार को नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड के बीडीओ राहुल कुमार समेत तीन लोगों की मौत कोरोना से हो गयी है.
पटना के बेलछी ब्लॉक के किरानी रहे चंद्रप्रकाश उर्फ कुक्कू सिंह की मौत पटना आवास में हो गयी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह प्रखंड हरनौत के हरनौत थाना क्षेत्र के रुपसपुर गांव के रहने वाले थे चंद्रप्रकाश. इसी तरह, पावापुरी वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान (विम्स) में मानपुर थाना क्षेत्र के नेबाजी बिगहा गांव निवासी 45 वर्षीया महिला कांति देवी की मौत हो गयी. इसी तरह, पावापलरी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पीके सिंह भी शनिवार को कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं.
नूरसराय में विकास की गाड़ी सरपट दौड़ाने के लिए चर्चित रहे बीडीओ राहुल कुमार ने आखिरकार, कोरोना की जंग हार गये. पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में शनिवार की रात करीब पौने 10 बजे अंतिम सांस ली. वे सात अप्रैल को नूरसराय अस्पताल में कोरोना एंटीजन जांच में पॉजिटिव पाये गये थे.पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेशन में चले गए थे.करीब तीन-चार दिन बाद उनकी तबीयत पहले की अपेक्षा अधिक बिगड़ गयी. और, इलाज के लिए पटना के निजी हॉस्पिटल में भर्ती हो गये.वहीं 15 अप्रैल को उनके स्थिति में कुछ सुधार हुआ.16 अप्रैल को हालात में और सुधार हुआ.17 अप्रैल को शाम में स्थिति अचानक और बिगड़ गयी. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. लेकिन, कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया.बीडीओ के निधन से पूरा नूरसराय प्रखंड गमगीन हो गया है.
डीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि राहुल कुमार उनकी टीम का अहम हिस्सा थे. उनके चले जाने से अपूरणीय क्षति हुई है.राहुल कुमार के साढ़ू व पटना जीविका के डीपीएम डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि डीएम योगेन्द्र सिंह ने मेडिकल से संबंधित हर वह सामग्री उपलब्ध करवायी, जिसकी जरूरत पड़ी.चंडी बीडीओ अवधेश कुमार राय ने बताया कि राहुल कुमार उनके छोटे भाई जैसे थे.
संक्रमण से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके साथ ही, जिले में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 16 पहुंच गयी है.जबकि, 582 एक्टिव मामले हैं.सभी संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं. महिला कुछ दिनों से बीमार थीं.उन्हें विम्स में भर्ती कराया गया था.जहां, इलाज के दौरान उनकी मौत हुई.विम्स के अस्पताल अधीक्षक डॉ. ज्ञान भूषण ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए लोगों को हर एहतियात बरतनी चाहिए.
लोग अब भी इसकी गंभीरता को नहीं समझ रहे। दो गज की दूरी के साथ मास्क लगाना भी जरूरी है.जब तक हम खुद सुरक्षित हैं. तभी तक दूसरे भी सुरक्षित हैं. कोरोना की जंग में सबों को सख्ती से पेश आना होगा.तभी कोरोना वायरस की शृंखला को तोड़ पाएंगे.प्राचार्य प्रो. डॉ. पीके चौधरी ने बताया कि पावापुरी मेडिकल कॉलेज हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.इसके लिए आइसोलेशन वार्ड व आईसीयू भी बनाया गया है.लेकिन, सबसे जरूरी लोगों की सतर्कता है. इसके बिना हम कोरोना की जंग नहीं जीत सकते. उन्होंने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आने से ही संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
नूरसराय अस्पताल के एक डॉक्टर समेत जिला में 156 कोरोना संक्रमण के नए मामले मिले हैं.हिलसा में सबसे अधिक 25 लोग संक्रमित मिले हैं. इसके साथ ही जिला में कोरोना के एक्टिव रोगियों की संख्या 582 हो गयी है. नूरसराय अस्पताल में एंटीजेन टेस्ट में 36 वर्षीय डॉक्टर व रतनपुरा गांव के 35 वर्षीय युवक समेत दो लोग पॉजिटिव मिले हैं.शुक्रवार को भी यहां दो लोग संक्रमित मिले थे.
शनिवार को जांच में हिलसा में 25, अस्थावां, बिहारशरीफ, चंडी, नूरसराय में दो-दो, कतरीसराय में 16, परवलपुर में पांच, एकंगरसराय में एक, बिंद में आठ की रिपोर्ट एंटिजेन जांच में पॉजिटिव आयी है.जबकि, आरटीपीसीआर जांच में 64 व ट्रूनेट जांच में 30 सैंपलों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है.
नूरसराय अस्पताल में डॉक्टर के संक्रमित मिलने के बाद भी परिसर को सैनिटाइज नहीं किया गया. इससे वहां के स्वस्थ्यकर्मियों में भय का माहौल है. संक्रमित डॉक्टर ने रात में अस्पताल में रोगियों का इलाज किया था. इस दौरान डॉक्टर के संपर्क में स्वास्थ्यकर्मी के अलावे कई मरीज भी आये थे. ऐसे में यहां की व्यवस्था रामभरोसे ही है.
मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाए.माननीय महोदय राज्य के सभी अधिकारी गण आप सभी तो पंखे की छांव में बैठकर बहुत आसानी से कोई भी लेटर जारी कर देते हैं. परंतु कभी आपने सोचा है कि छुट्टियां रद्द करने के बाद स्वास्थ्य कर्मी के शरीर की स्थिति क्या होती होगी.वह स्वास्थ्य कर्मी जो प्रतिदिन ग्राउंड लेवल पर काम कर रहे हैं वह महिला हो या पुरुष हो इस कड़कड़ाती धूप में उनके शरीर की क्या स्थिति होती होगी. क्या स्वास्थ्य कर्मी को आप एक मशीन समझते हैं क्या?
अभी स्थिति ऐसी है महादेव की छुट्टी कैंसिल करने की वजह से स्वास्थ्य कर्मियों की शरीर की स्थिति तो खराब हो ही रही है साथ साथ परिवारिक स्थिति भी खराब हो रही है. माननीय महोदय से विनम्र निवेदन है कि इस स्थिति पर कुछ विचार किया जाए.और कम से कम हफ्ते में 1 दिन का आराम जरूर दिया जाए.
फोटो नूरसराय प्रखंड के बीडीओ राहुल कुमार का
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