दरभंगा.अलीनगर प्रखंड के नभहरणपट्टी में पिछले दिनों सामंतवादी ताकतों द्वारा पुलिस की मिली भगत से दर्जनों मुसहर समुदाय के घर को जला देने तथा अलीनगर प्रशासन द्वारा अभी तक किसी अभियुक्त को गिफ्तार नहीं करने की भाकपा(माले) ने कड़ी निंदा किया है. भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव व वरिष्ठ नेता आर के सहनी ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि भाजपा- जदयू के राज में आज भी समाज मे घृणित फैसला सामंतवादी ताकतों के द्वारा लिया जा रहा है.
उन्होंने घटना के संदर्भ में बताते हुए कहा कि होलिका दहन के दिन सामंतवादी ताकतों द्वारा मुसहर समुदाय से नशीली पदार्थ खरीद कर देने की मांग की जब मुसहर समुदाय ने उन सभी को नशीली पदार्थ खरीदकर देने से इनकार किया तो उन सभी लोगो ने मुसहर समुदाय के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया.जिसके बाद दोनों तरफ से मुकदमा भी कराया गया.और दोनों तरफ से एक एक लोगों की गिरफ्तारी भी हुई.जिसके बाद सामंतवादी ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगो ने गांव में ही महापंचायत बुलाया और निर्णय दिया कि तुम सभी मुसहर लोग 12 अप्रैल तक गांव खाली कर दो. नहीं तो सबको उजाड़ कर भगा दिया जाएगा.
जब मुसहर समुदाय ने 12 अप्रैल तक गांव नही छोड़ा तो उन सामंतवादी ताकतों ने 13 अप्रैल की सुबह मुसहर टोला पहुंचे और सबको गांव खाली करने की बात करने लगा.जब मुसहर समुदाय ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट भी किया गया. जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल है. जिसका इलाज डीएमसीएच में भी चला और उसके बाद घर में लूटपाट कर सभी घर को आग के हवाले कर दिया गया.
माले नेताओ ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि आज भी अलीनगर पुलिस प्रशासन की मिली भगत से गांव में इतना बड़ा फैसला ले लिया जाता है लेकिन पुलिस मुकदर्शक बनी रहती है और उन फैसला लेने वालों पर कार्रवाई नहीं होती है.वहीं दूसरी ओर अलीनगर प्रखंड प्रशासन भी अभी तक जले हुए घर के परिवारों को उन सामंतवादियों के इशारे पर कोई मुआवजा नही दिया है.
माले नेता ने जिला प्रशासन से मांग किया कि भरनपट्टी गांव में आज भी इस तरह की घृणित फैसला लेने वालों लोगों पर मुकदमा दर्ज हो, इस पूरे घटना में अलीनगर थाना प्रभारी के सांठ-गांठ की उच्चस्तरीय जांच हो और तत्काल उन्हें निलंबित किया जाय साथ ही साथ अभी तक मुसहर परिवारों को खाने पीने, पॉलीथिन शीट और आपदा राशि नहीं देने वाले अलीनगर सीओ पर भी करवाई हो तथा वहां बसे मुसहर समुदाय के सुरक्षा की गारंटी हो.
वही भाकपा(माले) ने घोषणा किया कि जिले बढ़ रहे दलित उत्पीरण और पुलिस प्रशासन की विफलता के खिलाफ 19 अप्रैल को पूरा जिला में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए विरोध दिवस मनाया जाएगा.
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