बिहार में भी वीकेंड कर्फ्यू लग सकता है

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बिहार में भी वीकेंड कर्फ्यू लग सकता है

पटना.बिहार में तेजी से फैल रहे संक्रमण की रोकथाम को लेकर शनिवार को राज्यपाल फागू चौहान की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार के सामने एक बड़ी मांग रखी कि कोरोना से बिगड़ी स्थिति को देखते हुए सूबे में वीकेंड कर्फ्यू लगाया जाये. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में और खासकर पटना में स्थिति भयावह है. 
सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा राज्यपाल से कहा कि “आप प्रदेश में संविधान और लोकतंत्र के रक्षक है. चूँकि आपने बैठक बुलाई है इसलिए अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारियों के निर्वहन करने के लिए हम इसमें सम्मिलित हो रहे है. तमाम विपक्षी दल विगत एक वर्ष से सदन में, मीडिया के ज़रिए, पत्रों के माध्यम से निरंतर सरकार को कोरोना प्रबंधन और महामारी से निपटने के अपने बहुमूल्य सुझाव देते आ रहे है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन पर कभी अमल नहीं हुआ. 
तेजस्वी यादव बोले कि “अब सरकार की व्यवस्थाओं की पोल पूर्णत खुल चुकी है.  सरकार अपनी सारी विफलताएँ दूसरे के माथे मढ़, पाप में सबको भागीदार बनाना चाहती है इसलिए अब विपक्षी दलों को याद किया गया है. अगर सरकार विपक्ष के सकारात्मक सुझावों और सरोकारों को नहीं सुनती है तो ऐसी बैठकों का क्या औचित्य ? हमने जनहित में लगभग 12 करोड़ प्रदेशवासियों की स्वस्थता, सुरक्षा और संपन्नता के मद्देनज़र बिहार सरकार के समक्ष निम्नलिखित 30 महत्वपूर्ण सुझाव दिए. 

सर्वदलीय बैठक में तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने 30 सुझावों को लागू करने का आग्रह किया. तेजस्वी यादव ने राज्य में कोरोना को कंट्रोल करने के लिए फिलहाल वीकेंड कर्फ्यू लगाने की मांग की. तेजस्वी बिहार में लॉकडाउन लगाने के भी पक्ष में हैं लेकिन वह चाहते हैं कि इतना बड़ा कदम उठाने से पहले राज्य सरकार पर्याप्त व्यवस्था करे. 

तेजस्वी यादव ने दिए 30 सुझाव 

1. एक स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया जाए जिसमें Epidemiologist, Public Health Experts और तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि हों. 

2. ऑक्सीजन और ज़रूरी दवाओं की निर्बाध सप्लाई चेन सुनिश्चित की जाए और उसकी कालाबाजारी पर करने वाले पर कठोर कार्रवाई की जाए.  


3. मोबाइल टीकाकरण की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों के घरों या मोहल्लों में जाकर बग़ैर संक्रमण के रिस्क के साथ टीका लगाया जा सके.  

4. अस्पतालों में टीकाकरण और जांच की व्यवस्था अलग-अलग परिसरों में की जाए ताकि संक्रमण फैलाव का खतरा न्यूनतम हो सके.  

5. कोरोना जांच  की व्यवस्था को सुगम और सुलभ बनाया जाए. अभी भी लोगों को रिपोर्ट मिलने में 6-7 दिन लग रहे है. टेस्ट रिपोर्ट के इंतज़ार में ही कई लोग के हालात गंभीर हो जाते हैं.   

6. स्वास्थ्य विभाग कोरोना आंकड़े जारी करने पारदर्शिता बरते.  प्रतिदिन कुल कितनी जांच हुई, कितने पॉज़िटिव केस, कहां-कहां मिले, इत्यादि अनिवार्य रूप से जारी किए जाने चाहिए. 

7. पूरे राज्य के लिए एक इंटेग्रेटेड डाटाबेस सिस्टम बनाया जाए, जिस पर निजी या सरकारी डॉक्टर या जांच केंद्रों में जांच करने वालों कि जिम्मेदारी होगी कि वो कोई भी कोरोना जाँच करें, संक्रमित पाए जाने पर व्यक्ति की सारी जानकारी, किस चिकित्सक की देखरेख में वह व्यक्ति है, उसके स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न पैरामीटर की जानकारी तुरंत अपलोड करें.  

8. उस जानकारी के आधार पर नजदीकी कोविड समर्पित अस्पताल या तो तुरंत बेड सुनिश्चित करेगा या होम क्वारंटाइन की स्थिति में स्थानीय मुखिया, वार्ड मेंबर, नगर निगम या पंचायत को सम्बंधित परिवार की हर प्रभावी तौर पर isolate होने के लिए सहयोग करने की गाइडलाइन जारी करेगा. 

9. कोविड वार्ड में मरीज़ों के Attendant के प्रवेश को वर्जित कर अस्पताल में एक अलग जगह CCTV फ़ुटेज से उनको देखने की व्यवस्था की जाए, या किसी के पास स्मार्ट फ़ोन हो तो CCTV फ़ुटेज का access उनके फ़ोन में दिया जाए अथवा मरीज़-परिजन से बातचीत का विशेष प्रबंध किया जाए. 


10. होम क्वॉरंटीन मरीज़ों की निगरानी हेतु GPS tracker तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उसके मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष सेल बनाया जाए. होम क्वारंटाइन के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल बने, जिसके माध्यम से पीड़ित परिवार के लिए घर पर ही दवा, PPE किट, ऑक्सीमीटर, थर्मोमीटर की व्यवस्था की जाए, घर का कचरा सुरक्षित तरीके से प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा रोज़ घर से निकालना और रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों, स्वास्थ्यकर्मियों व पड़ोसियों को आवश्यक मार्गदर्शन व दिशा निर्देश दिए जाएं। 

11. Covid Dedicated अस्पतालों का निर्माण प्रमंडल स्तर पर किया जाए. 

12. दूसरे राज्यों से आए सभी यात्रियों की जांच को अनिवार्य किया जाए. Antigen नहीं बल्कि उनकी RT-PCR जांच होनी चाहिए. बाहर के राज्य से आनेवाला कोई भी व्यक्ति बिना नेगेटिव रिपोर्ट पाए अपने घर नहीं जा पाए. इसके लिए हर बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, राज्य की सीमाओं व एयरपोर्ट पर समुचित व्यवस्था हो. ऐसे कोरोना मरीज़ों के लिए अधिक से अधिक सुसज्जित अस्थायी आइसोलेशन व क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था की जाए, जहां पौष्टिक भोजन, साफ सफाई और ज़रूरी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था हो. 


13. कोरोना काल में सबसे अधिक प्रभावित सभी ग़रीब परिवार और मज़दूर भाइयों को अगले 100 दिनों तक 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम 10 हज़ार की एकमुश्त सहायता राशि स्थानांतरित की जाए. विगत वर्ष भी हमने यह मांग रखी थी. 

 
14. राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को 6 महीने तक मुफ़्त राशन दिया जाए। हर प्रखंड में 4-5 Community किचन शुरू किये जाएं. 

 
15. राज्य के बाहर से आनेवाले श्रमवीरों को बस, रेल आदि में निःशुल्क व्यवस्था किये जाएं. बसों, ट्रेनों मे उनके लिए खाना तथा पानी की पूरी व्यवस्था किये जाएं. बाहर से आए सभी श्रमिक भाइयों को चिह्नित कर उनका सही Database तैयार कर, अनिवार्य रूप से उन्हें 3000 रुपये महीना भत्ता दिया जाए.  


16. राज्य में विभिन्न विभागों के अंतर्गत निर्मांणाधीन बड़े प्रॉजेक्ट्स को पहचानकर उनमें बाहर से लौटे सभी कुशल कामगारों और श्रमिकों को लगाया जाये.  


17. आशा है है कि मुख्यमंत्री जी ने पिछले मार्च महीने में प्रकाशित CAG रिपोर्ट को अवश्य पढ़ा होगा. इस CAG रिपोर्ट के अनुसार 2010-11 से 2017-18 तक स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से अनेक प्रॉजेक्ट्स निर्धारित समय अवधि पूर्ण होने के बावजूद निर्मांणाधीन और लंबित है. तो ऐसे में बाहर से आए श्रमिकों को स्वास्थ्य संरचना दुरुस्त करने और उन प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने में अनिवार्य रूप से लगाया जाना चाहिये. 

18. ऐसे विभाग, जिनमें कोरोना के कारण अभी अति आवश्यक काम नहीं हो रहें है. ऐसे विभागों के योग्य IAS/IPS अधिकारियों का Resource pool बना कर उन्हें कोरोना मैनेजमेंट में लगाया जाए. इसके अलावा उन अधिकारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा का पूर्ण इंतज़ाम किया जाए. 

19. Testing Management के लिए अलग से Dedicated IAS अधिकारी , Oxygen management के लिए अलग अधिकारी , Vaccination के लिए अलग, Isolation और follow up management के लिए अलग, सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था के लिए अलग से, कोरोना पीड़ितों के घर दवा किट भेजने की व्यवस्था के लिए अलग से हो. क़ोरोना बजट में किसी प्रकार की धांधली ना हो इसके लिए विशेष समर्पित भ्रष्टाचार निरोधक सेल, सामान्य कोरोना संबंधित अन्य शंकाओं के निवारण के लिए एक अलग से Dedicated Call Center की स्थापना हो. इसके साथ ही अधिकारियों की नियुक्ति की जाए और साथ ही उन सभी अधिकारियों के लिए समुचित व्यवस्था की जाए.  

20. पटना में मेदांता,जया प्रभा व अन्य निजी अस्पतालों का सामयिक/अस्थायी अधिग्रहण कर उसे कोविड अस्पताल बनाया जाए. महामारी में पीड़ितों से अधिक वसूली करने वालों पर विशेष निगरानी रखी जाए. 

21. इसी प्रकार हर एक ज़िले में निजी अस्पतालों में कोविड बेड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. 

22. प्रदेश के सभी प्रकार के अस्पतालों में बेड की कुल संख्या, उपलब्धता और बुकिंग की ऑनलाइन व्यवस्था का डेटाबेस तैयार किया जाए. 

23. प्रदेश के सभी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के  ऑनलाइन आंकड़ें प्रदर्शित किए जाए. कुल कितने बेड खाली हैं और कहां-कहां खाली हैं. इस जानकारी का भी डाटाबेस तैयार किया जाये ताकि लोगों को उसकी भी जानकारी मिलती रहे.  

24. सरकार छवि की परवाह ना कर जांच आंकड़ों में पारदर्शिता लेकर आए. सरकार की छवि से ज़्यादा नागरिकों का जीवन महत्वपूर्ण है. 

25. कोविड अस्पतालों और क्वॉरंटीन सेंटर के Biomedical Waste और ख़राब पीपीई किट,फ़ेस मास्क के लिए अलग से व्यवस्था की जाये.   

26. कोरोना के चलते दूसरे बीमारियों के उपचारित मरीज़ों के इलाज की प्रक्रिया पूर्व की तरह ही चलता रहे, उनका उपचार प्रभावित ना हो यह सुनिश्चित किया जाए. 

27. वीकेंड कर्फ़्यू लगाया जाए. अगर सरकार का लॉकडाउन का इरादा है तो उसके लिए पहले ही लोगों सूचित कर समुचित व्यवस्था की जाए ताकि लोगों को पूर्व की भांति किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न ना हो. बाहर रह रहे श्रमवीरों और प्रदेशवासियों को भी उचित माध्यम से सूचित किया जाए. 

28. बिहार मे सभी रेलवे, सेना, अर्द्धसैनिक बलों सहित भारत सरकार के उपक्रमों के अस्पतालों को फ्रंटलाइन वर्करों के लिए खोल दिये जाया.इस संबंध में भारत सरकार से व्यापक आदेश जारी करने हेतु अनुरोध किया जा सकता है.  

29. फ्रंटलाइन वर्कर्स जिसमें अधिकारी, कर्मी, चिकित्सक, नर्स, पारामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी तथा संविदा कर्मी आदि को तीन महीनों का Advance वेतन दिया जाए एवं सेवापरांत मृत्यु होने पर कम से कम 50 लाख की आर्थिक सहायता तथा उनके परिवार को एक सदस्य को तुरंत सरकारी नौकरी दिया जाए. 

30. ज़रूरत पड़ने पर हमारे पार्टी कार्यालय, मेरे सरकारी आवासीय परिसर का भी सरकार उपयोग कर सकती है. सरकार Testing और Treatment को भी कैम्पेन मोड में चला सकती है. 

             

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