ढंग की शीर्षक नहीं दे पाए हिदी अखबार

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

ढंग की शीर्षक नहीं दे पाए हिदी अखबार

संजय कुमार सिंह 

लोकसभा चुनाव नतीजे का दिन और एकतरफा जीत के नतीजे – ऐसे में अखबारों के पहले पन्ने की समीक्षा के लिए कुछ खास है नहीं. इसलिए आज सिर्फ नतीजों की प्रस्तुति की चर्चा करूंगा और यह कम दिलचस्प नहीं है. इसमें सबसे खास बात यह है कि अंग्रेजी अखबार, टाइम्स ऑफ इंडिया ने हिन्दी में एक शानदार शीर्षक लगाया है – “चौकीदार का चमत्कार”. मैं हिन्दी के जो अखबार देखता हूं उनमें से किसी में हिन्दी का यह या ऐसा शीर्षक नहीं है. अखबार ने इस जीत का कारण बताया है और लिखा है, राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व, कल्याण ने भाजपा को और बड़ी जीत दी. पहले पन्ने पर दैनिक भास्कर और अमर उजाला ने आठ कॉलम में आधे पन्ने पर लगभग एक जैसी फोटो का उपयोग किया है जबकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसी फोटो का पूरा पर छोटा रूप इस्तेमाल किया है. ऐसी ही फोटो नवभारत टाइम्स में भी छोटी पर विस्तृत है. 

दैनिक भास्कर का शीर्षक, मित्रों मोदी है तो मुमकिन है - नया नहीं है और दूसरी लाइन भी दमदार नहीं है. मोदी बोले - अब देश में दो ही जाति बचेगी, एक गरीब, दूसरी गरीबी दूर करने वाली - डराती और उलाझाती है. हालांकि, इसका संबंध पहले पन्ने पर ही छपी खबर, "यूपी में जातीय समीकरण ध्वस्त" से हो सकता है. पर अगर मैं गरीब नहीं हूं और गरीबी दूर करने के लिए कुछ नहीं कर सकता हूं तो क्या मैं नहीं बचूंगा या मुझे अपनी गरीबी दूर करने में लग जाना चाहिए. हालांकि, जीत के बाद देश से मोदी के तीन वादे खास हैं और उन्हें इतनी प्रमुखता से पेश किया जाना, महत्वपूर्ण है. 

अमर उजाला का मुख्य शीर्षक है, प्रचंड मोदी. दूसरी सूचना है भाजपा की 2014 से भी बड़ी जीत. दैनिक जागरण का शीर्षक भी भाजपा का प्रचार है, फिर एक बार मोदी सरकार. अखबार ने पहले पन्ने पर मुख्य खबर के साथ और कोई जानकारी बड़े अक्षरों में नहीं दी है. नवोदय टाइम्स से सीधे अपनी बात कहने की जगह कुछ नए किस्म का प्रयोग किया है. कुल मिलाकर, नरेन्द्र दमदार मोदी ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल कर रचा इतिहास - इसका मुख्य शीर्षक है. जो दूसरी खास बातें हैं उनमें भाजपा पहली दफे 300 और 51 सीटों पर कांग्रेस 56 ईंच से कम है जैसी बातें हैं. राजस्थान पत्रिका का शीर्षक है, मोदी शहंशाह और इसमें शाह पर तवज्जो अमित शाह के लिए है और इसलिए अमित शाह की फोटो भी है जो नरेन्द्र मोदी की फोटो की तुलना में काफी छोटी है. 

इसके मुकाबले नवभारत टाइम्स ने अजेय मोदी शीर्षक लगाया है और बताया है कि महानायक नरेन्द्र मोदी की एक बार फिर महावापसी हुई और यह भी कि प्रधानमंत्री के करिश्माई नेतृत्व ने यह ऐतिहासिक जीत दिलाई है. नवभारत टाइम्स में पहले पन्ने पर इन पांच वजहों ने बीजेपी की बड़ी जीत को आसान बना दिया है लेकिन इस विराट जीत ने तोड़ दिए पांच सपने भी है. अंदर पढ़ें स्पेशल कवरेज भी है. आज के अखबारों में हिन्दुस्तान ज्यादा संयमित लगा. शीर्षक से लेकर त्वरित टिप्पणी तक में. लीड का फ्लैग शीर्षक है, पहली बार कांग्रेसी सरकार को दोबारा पूर्ण बहुमत. मुख्य शीर्षक है, महाविजेता मोदी. दोनों एक गंभीर सूचना को गंभीरता से पेश करना है. पहले पन्ने पर डबल कॉलम की दो खबरें हैं, बदनीयत से काम नहीं करूंगा मोदी और दूसरा  राहुल की वायनाड से प्रचंड जीत, अमेठी हार. 

अखबारों के लिए यह रूटीन काम है और उन्हें बिना पार्टी बने सिर्फ सूचना देनी चाहिए. सूचना बड़ी और अच्छी हो सकती है. उससे खुशी, अफसोस या व्यंग दिखे पर सूचनाएं तो हों. और इस लिहाज से दैनिक भास्कर ने पहले पन्ने पर एक महत्वपूर्ण सूचना दी है, शाह ने 120 सांसदों के टिकट काटे, उनकी जगह 100 नए जीते. और यह सब भास्कर में सबसे अच्छे से है. अखबार ने प्रमुखता से बताया है कि नरेन्द्र मोदी जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद ऐसी जीत पाने वाले पहले गैर कांग्रेसी हैं. यह भी कि, भाजपा ने बंगाल तथा उड़ीशा में 22 सीटें जुटाईं. इन सबके बावजूद पहले पन्ने पर विशेष टिप्पणी सिर्फ हिन्दुस्तान में है. शीर्षक है, आशा और विश्वास के उफान से उपजा महाविजय.    

अंग्रेजी अखबारों में हिन्दुस्तान टाइम्स की बैनर हेडिंग है, भारत ने मोदी में विश्वास रखा. यहां भी फोटो वही यानी उसी मौके की और उस जैसी ही है जैसी टाइम्स ऑफ इंडिया और नवभारत टाइम्स में या फिर बहुत बड़ा कर दैनिक भास्कर और अमर उजाला में छापी गई है. यह साधारण संयोग नहीं है कि इतने सारे अखबार इस प्रचंड जीत के साथ इस एक या एक मौके की तस्वीर का उपयोग पहले पन्ने पर कर रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस का शीर्षक मोदी 2.024 लीक से हटकर है. शीर्षक के साथ जो बातें प्रमुखता से बताई गई हैं उसमें नया यह कि वोटों की संख्या 17 करोड़ से बढ़कर 22 करोड़ हो गई और भाजपा की जीत का कारण यही है.  


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :