बिहार में कोरोना ने पिछले साल के रिकॉर्ड तोड़ा

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बिहार में कोरोना ने पिछले साल के रिकॉर्ड तोड़ा

आलोक कुमार  
पटना.बिहार में कोरोना अब भयावह रूप धारण करता जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किये अपडेट के अनुसार जो आकडे़ दिए जा रहे है. उसने पिछले साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. बिहार में पिछले 24 घंटों में 6133 नए मामले सामने आये हैं. जिसमें पटना में सबसे अधिक मरीज हैं. जहाँ 2105 नए मरीज मिले हैं. 

अन्य जिलों की बात करें तो औरंगाबाद में 165, बेगूसराय में 174, भागलपुर में 601, भोजपुर में 83, बक्सर में 68, गया में 431, गोपालगंज में 77, जहानाबाद में 131, कटिहार में 81, मुंगेर में 147, मुजफ्फरपुर में 265, सारण में 171, वैशाली में 105 और नवादा में 41 मरीज मिले हैं.राज्य में एक्टिव मरीज की संख्या 29078 हो गयी है जबकि 24 घंटे में 24 मरीज की मौत हुई है. 

अन्य 14 प्राइवेट हॉस्पिटल को भी कोविड केयर अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है. जिसमें 199 बेड हैं. इस प्रकार अब 47 प्राइवेट अस्पताल में कुल 985 बेड हो जायेंगे. इन चिन्हित प्राइवेट अस्पतालों में शामिल है. श्यान मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, फुलवारी शरीफ, आनंदिता हॉस्पिटल राजेंद्र नगर, एसएस हॉस्पिटल अनीसाबाद, आयुष्मान केयर हॉस्पिटल दनियावां, सत्यदेव सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मजिस्ट्रेट कॉलोनी, पाम व्यू हॉस्पिटल, अंबेडकर पथ पटना, मनोकामना सीसी एंड ई हॉस्पिटल, बिग्रहपुर, श्याम हॉस्पिटल, कंकड़बाग, सत्यम हॉस्पिटल, शेखपुरा बेली रोड, सन हॉस्पिटल कंकड़बाग मेन रोड, पटना, कुर्जी होली फैमिली, सदाकत आश्रम पटना, तारा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, बीपी कोइराला मार्ग, बैंक रोड पटना, एमआर हॉस्पिटल, राजा बाजार, सत्यव्रत हॉस्पिटल, कंकड़बाग. 

महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी का सामना करना पड़ रहा है.अब यही स्थिति बिहार में भी उत्पन्न होने लगी है. यहां जिस अनुपात में कोरोना के मामले बढ़े हैं, उसके सात गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की जा रही है. जिसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे में मरीजों ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है. यह कमी उनकी जान पर भारी पड़ने लगी है.  

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि बिहार में डरावने हालात. प्रदेश की राजधानी पटना में ही ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है.निजी अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए है. जगदीश मेमोरियल अस्पताल 
ऑक्सीजोन अस्पताल,हाईटेक हॉस्पिटल,पल्स इमरजेंसी अस्पताल,समय हॉस्पिटल,पारस हॉस्पिटल 
और कुर्जी होली फैमिली अस्पताल.शेष बिहार की आप कल्पना मात्र कर सकते हैं.मुख्यमंत्री जी से सवाल पूछेंगे तो वो बौखला जाएंगे अन्यथा प्रवचन की शक्ल में घिसा-पिटा, रटा-रटाया जवाब देकर चले जाएँगे. 

देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है. इस वजह से देश के कुछ राज्यों में आंशिक लॉकडाउन भी लागू कर दिया गया है. ऐसे में देश को अब इस हालात से बाहर निकालने की जिम्मेदारी एक बार फिर से डॉक्टर्स पर आ गई है. वहीं अब डॉक्टर्स ने भी संसाधनों की कमी की वजह से हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं. पटना के कई अस्पताल अब कोरोना मरीजों को अपने यहां भर्ती भी नहीं कर रहे हैं. यह है  

इस मामले पर डॉक्टर्स का कहना है कि हम मरीज को तो भर्ती कर सकते है, लेकिन उनके लिए हमारे पास ऑक्सीजन की कमी है. ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था पूरी तरह बाधित हो चुकी है. 

कोरोना की इस लड़ाई में सिर्फ ऑक्सीजन की कमी नहीं है बल्कि जीवन रक्षक दवाएं भी मरीजों को नहीं मिल रही हैं. बिहार इंडियन मेडिकल एसोशिएसन (IMA BIhar) भी इस बात को खुले तौर पर स्वीकार कर रहा है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि, 'बड़े पैमाने पर जीवन रक्षक दवाओं का कालाबाजारी की जा रही है'.  

बिहार आईएमए के सेक्रेटरी डॉ. सुनील ने कहा है कि,' रेमेडिसविर (Remdesivir) जो 3 हजार रुपये में आसानी से उपलब्ध थी, वो अब आउट ऑफ़ स्टॉक है. ऐसे में मरीजों से इन दवाओं के लिए 15 हजार तक वसूले जा रहे हैं. सरकार ने अगर जल्द इस मुद्दे पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया तो हालात और ज्यादा खराब हो जाएंगे.' 

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली एजेंसियां प्राथमिकता के तौर पर अस्पतालों में सप्लाई करें. राजेंद्र नगर और पाटलिपुत्र स्थित दो प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधकों ने शिकायत की थी कि उनके यहां ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है, जिससे कोरोना मरीजों को परेशानी हो रही है. एसडीओ को निर्देश दिया है कि ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पतालों में सुनिश्चित कराएं.बता दें कि पटना जिले में ऑक्सीजन के चार सप्लायर हैं तथा लिक्विड जमशेदपुर बोकारो और कोलकाता से मंगाया जाता है ऐसी स्थिति में सप्लाई अस्पतालों में सुनिश्चित करने को कहा गया है. 

कोरोना संक्रमित के मामले तेजी से बढ़ने के कारण पटना में ऑक्सीजन की मांग काफी बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि इसकी मांग में करीब सात गुना की वृद्धि हो गई है. ऐसे में मरीजों ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है. यह कमी उनकी जान पर भारी पड़ने लगी है. 

कई छोटे-बड़े निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से इनकार करने लगे हैं.अपुष्ट खबरों के मुताबिक एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों के मरने की खबर भी चर्चा में है.वहीं निजी क्षेत्र के बड़े अस्पताल जगदीश मेमोरियल ने ऑक्सीजन की कमी की शिकायत पटना डीएम से की है.  


अस्पताल के संचालक डॉ. आलोक ने डीएम से ऑक्सीजन की व्यवस्था कराने की मांग की अन्यथा मरीजों को भर्ती लेने से असमर्थता जताई है. उन्होंने इसकी कॉपी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विभाग के प्रधान सचिव और पटना की सिविल सर्जन को भी दी है. बताया कि उनके यहां 28 कोरोना मरीज भर्ती है. शाम सात बजे तक मात्र दो सिलेंडर बचे थे.किसी तरह 20 और की व्यवस्था कर ली गई है.पर सुबह तक ये भी खत्म हो जाएंगे। ऐेसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने पर मुसीबत बढ़ सकती है.फोटो सभाए 

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