सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत सात जवान निलंबित

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सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत सात जवान निलंबित

पूर्णिया.विधि के विधान व ईश्वर की लीला जिस मां ने बेटे को जन्म दिया उसी बेटे के साथ मां भी चल बसी.शुक्रवार की देर रात बंगाल में  भीड हिंसा के शिकार किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार के जानकीनगर स्थित पांचू मंडल टोला में घर पर ऐसा ही नजारा था.दिवंगत थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार के साथ उनकी मां उर्मिला देवी की भी अर्थी सजी. निधन के बाद होनेवाले संस्कार भी एक साथ हुए और एक साथ चिता भी जली.यह दृश्य देखकर हर किसी का कलेजा चाक हो रहा था. 

एक तरफ विलाप करती पत्नी व बच्चे तो दूसरी तरफ विलाप करते भाई व बहन, सगे संबंधियों को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गयी थी.जिस दिन दिवंगत थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या हुई उस दिन उनकी मां उर्मिला देवी अपने घर से सात किमी दूर अपने मायके रामपुर तिलक में थीं. वहीं उनकी तबीयत खराब हो गयी जिस कारण मायके में ही रह गयी थी.वर्दीधारी नगर थानाध्यक्ष को अपराधियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी 

बिहार के किशनगंज के नगर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की जिले की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा थाना क्षेत्र में अपराधियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.अश्विनी की मां उर्मिला देवी यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और रविवार को हार्ट अटैक से उनकी भी मौत हो गई.वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अश्विनी कुमार को भीड़ में अकेला छोड़कर भागने वाले सात पुलिकर्मियों को निलंबित कर दिया है. मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी मामले में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर भीड़ के हमले में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी.घटना शनिवार की सुबह 3 बजे की है.शहीद थानेदार पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर थाना अंतर्गत पांचू मंडल टोला के रहने वाले थे.अश्विनी कुमार 94 बैच के दारोगा थे. बाद में उनका इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन हुआ था.इस्लामपुर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस लाइन लाया गया. जहां पुलिस लाइन में आईजी सुरेश चौधरी, डीएम डाक्टर आदित्य प्रकाश, एसपी कुमार आशीष ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जिसके बाद शहीद दारोगा के शव को पुलिस के साथ पैतृक गांव भेज दिया गया.बताया जा रहा है कि छापेमारी करने गई टीम पर भीड़ ने अचानक हमला बोल दिया. इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी तो बच निकले, लेकिन अंधेरे में इंस्‍पेक्‍टर अश्विनी अपराधियों के हाथ लग गए. 


रणछोड़ इंस्पेक्टर मनीष कुमार निलम्बित 

टाउन थानाध्यक्ष की हत्या मामले में पूर्णिया के जोनल आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने बड़ी कार्रवाई की है. छापेमारी टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को कर्तव्य निर्वहन में लापरवाह मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.प्रथम दृष्टया लापरवाह मानते हुए सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत सात जवानों को निलंबित करते हुए लाइन हाजिर करने का आदेश जारी किया गया है.आइजी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि लूटी गई बाइक की बरामदगी एवं आरोपित की गिरफ्तारी के लिए टाउन थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला अंतर्गत ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पनतापाड़ा गांव गए थे.उनके साथ सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार, सिपाही राजू सहनी, अखिलेश्वर तिवारी, प्रमोद कुमार पासवान, उज्ज्वल कुमार पासवान, सुनिल चौधरी और सुशील कुमार शामिल थे. यह सभी लोग जान बचाकर भाग गए परंतु इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार को भीड़ ने पकड़ कर निर्ममता पूर्वक पीट-पीट कर हत्या कर दी.प्रथम दृष्टया टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की लापरवाही परिलक्षित होती है. 
गांव के लोगों ने कहा है कि इंस्पेक्टर मनीष कुमार सारे घटना के पीछे दोषी हैं. उन्हें बर्खास्त किया जाए और ऐसे पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर हत्या का मुकदमा कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए. 


शहीद एसएचओ अश्विनी कुमार की पुत्री नैंसी ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की 

शहीद की बेटी नैंसी ने कहा कि उन्हें स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है. उनके पिता की हत्या एक साजिश के तहत कराई गई है. इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी मां की स्थिति काफी खराब है, उनके दो छोटे भाई बहन हैं उनके परिजनों का कैसे गुजारा होगा.शहीद की बेटी ने कहा कि उनके पिता अश्विनी कुमार काफी ईमानदार और बहादुर थाना प्रभारी थे लेकिन पुलिस और अन्य लोगों ने मिलकर साजिश के तहत उसकी हत्या करवा दी. बनमनखी विधायक व पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, भाजपा एमएलसी दिलीप जायसवाल और पूर्व विधायक दिलीप यादव मौके पर मौजूद थे. एमएलसी दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट कहा कि परिजनों द्वारा सीबीआई जांच की मांग सही है. उन्होंने कहा कि जब तक बिहार में किशनगंज में उसका एफआईआर नहीं होगा तब तक बंगाल पुलिस से इंसाफ की उम्मीद करना बेमानी साबित होगी.उन्होंने कहा कि पुलिस की नाकामी के कारण आज शहीद अश्विनी कुमार की हत्या हुई है, इसकी उच्च स्तरीय जांच हो.  उन्होंने कहा कि जिस तरह से बंगाल पुलिस और किशनगंज की पुलिस का रवैया रहा  इससे साबित होता है कि कहीं ना कहीं शाजिश है. अगर किशनगंज की पुलिस पीठ दिखाकर नहीं भागती तो आज शहीद अश्विन की हत्या नहीं होती. बनमनखी विधायक व पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ने कहा कि कल उन्होंने मुख्यमंत्री से शहीद के परिजनों की बात करवाई है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि परिजनों को उचित इंसाफ मिलेग, साथ ही एक व्यक्ति को नौकरी मिलेगी.  

मां पिछले 14-15 साल से थी हार्ट की पेशेंट 

शहीद एसएचओ अश्विनी कुमार के छोटे भाई प्रवीण कुमार ने बताया कि पूरा परिवार पटना के हनुमान नगर में किराए के मकान में रहता है. उन्हें तीन बच्चे हैं.पटना में उनकी पत्नी मीनू स्नेहलता, 15 साल की बड़ी बेटी नैंसी और दो जुड़वां बेटा-बेटी ग्रेसी एवं वंश (उम्र करीब छह साल) रहता है.मां उर्मिला देवी बहू मीनू स्नेहलता और बच्चों के साथ रहती थी. दिवंगत थानाध्यक्ष के पिता महेश प्रसाद यादव सेवानिवृत्त शिक्षक थे, पिता महेश प्रसाद का सात वर्ष पूर्व ही निधन हो गया था। शहीद की मां हृदय रोगी थीं, इस कारण उन्हें बेटे की मौत के बारे में पहले नहीं बताया गया था.शनिवार की देर रात उन्हें इस घटना की सूचना दी गई और रविवार सुबह उनकी मौत हो गयी.मां पिछले 14-15 साल से हार्ट की पेशेंट थी। भैया की मौत का सदमा मां बर्दाश्त नहीं कर सकीं। उन्होंने बताया कि शहीद के पिता महेश प्रसाद का सात वर्ष पूर्व ही निधन हो गया था.इस सदमे से किसी तरह निकली थीं.लेकिन, बेटे की मौत ने उन्हें पूरी तरह से तोड़ दिया.अश्विनी कुमार की मां उर्मिला देवी 70 वर्ष की बुजुर्ग थी. रविवार की सुबह जैसे ही उन्होंने अपने बेटे के शहीद होने की खबर सुनी वो यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और उनके घर पूर्णिया जिला के जानकीनगर थाना के पांचों मंडल टोला में उनका निधन हो गया.  

केंद्र और राज्य सरकार एक-एक करोड़ मुआवजा दें 

पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी सुरेश कुमार चौधरी, कमिश्नर राहुल रंजन महिवाल, डीएम राहुल कुमार, एसपी दयाशंकर, एमएलसी दिलीप जायसवाल, बनमनखी विधायक व पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि धमदाहा के पूर्व विधायक राजद नेता दिलीप यादव शहीद के घर पहुंचे और उन्हें सांत्वना दिया. आईजी सुरेश चौधरी ने कहा कि पूर्णिया क्षेत्र के चारों जिलों के सभी पुलिसकर्मी अपना एक दिन का वेतन शहीद अश्विनी कुमार के परिजन को देंगे. यह राशि लगभग 50 लाख रुपये होगी.बंगाल के डीजीपी ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के परिजनों को अनुग्रह अनुदान, सेवांत लाभ और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने के लिए कार्रवाई की जा रही है.बिहार पुलिस ने शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है.इस बीच किशनगंज थाना अध्यक्ष अश्वनी कुमार की हत्या पर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. उन्होंने इंस्पेक्टर की हत्या पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप करने और मृतक के परिजनों को बिहार और भारत सरकार से मदद की अपील की है. 

मां और दो बेटे समेत तीन आरोपी गिरफ्तार  

किशनगंज जिले के थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया.पकड़े गए अभियुक्तों में फिरोज आलम, उसका भाई अबुजार आलम और इनकी मां सहीनुर खातुन शामिल हैं.पुलिस के मुताबिक, फिरोज इस घटना का मुख्य आरोपी है. किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के पंथापड़ा में तहकीकात के सिलसिले में दलबल के साथ गए इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. इस घटना में वह शहीद हो गए. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, इस मामले में नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. इसमें संलिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूर्णिया के आईजी और किशनगंज के एसपी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं. वहीं डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से इस मामले में बात की. 
अपराध नियंत्रण करने में कर्तव्यनिष्ट पुलिस अधिकारी की जान चली गयी 

एक साल पहले ही किशनगंज सदर थाना का पदभार लेने के बाद सदर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार ने कहा था कि चेक पोस्ट में चेकिंग अभियान चलाया जायेगा. शहर में मोटरसाइकिल चोरी पर अंकुश लगे इसके लिए गिरोह का उदभेदन को भी प्राथमिकता के रूप में लिया जाएगा.अपराध नियंत्रण पहली प्राथमिकता होगी.श्री कुमार ने यह भी कहा था कि पश्चिम बंगाल से शराब पीकर शहर में प्रवेश करने वालों पर विशेष नजर रहेगी. सदर थाना का पदभार लेने के पूर्व विधि शाखा के प्रभारी थे. वे 94 बैच के पुलिस अधिकारी हैं.अपराध नियंत्रण करने में कर्तव्यनिष्ट पुलिस अधिकारी की जान चली गयी. 

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