आलोक कुमार
पटना.बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा मदन मोहन झा के द्वारा मधुबनी नरसंहार की जाँच के लिए छह सदस्यीय टीम गठित की गयी थी. टीम के सदस्यगण नरसंहार स्थल का दौरा कर बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान कमिटी के सदस्य पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से महमदपुर गांव की घटना घटी है वह हृदय विदारक है. घटना को अंजाम देने वाले दस्ता पहले गोलियों से एक-एक करके भूना फिर खुखरी से शरीर के कई भागों को काटकर इस घटना का अंजाम दिया.सरकार इस घटना को मात्र हत्या का रूप देना चाहती है जबकि यह मुख्य आरोपी प्रवीण झा एवं उसके भाई द्वारा संचालित रावण सेना के कई दर्जन अपराधियों ने मिलकर इस घटना का अंजाम दिया.
पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि रावण सेना के संरक्षक और महमदपुर नरसंहार काण्ड के मुख्य आरोपी प्रवीण झा का रसूख इतना बड़ा है कि इसका प्रमाण उसके फेसबुक प्रोफाइल से पता चलाया जा सकता है.स्थानीय विधायक, स्थानीय अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के साथ उसके कार्यक्रमों के अनेक तस्वीर ये दर्शाता है कि यह अपराधिक गिरोह एवं उसके संरक्षक प्रवीण झा को स्थानीय प्रशासन और भारतीय जनता पार्टी का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है.
अगर ऐसा नहीं है तो होली के दिन अनुमंडल मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूरी पर घटना का अंजाम दिया जा रहा था, पीड़ित परिवार के सदस्य और अन्य लोग पुलिस को फोन पर सूचना दे रहे थे, लेकिन मात्र तीन किलोमीटर का यात्रा पुलिस को तय करने में चार घंटे लग गये. इससे स्पष्ट है कि प्रशासन और सरकार का अपराधियों को पहले से सह प्राप्त था.जिस नरसंहार में पांच लोगों की हत्या की गई उसमें एक सीमा सुरक्षा बल का अधिकारी को भी रावण सेना के लोगों ने न केवल गोली मारकर हत्या की बल्कि गोली मारने के बाद उसके कई अंगों को खुखरी से काटा.
जब उसकी मौत हो जाती है तो न्याय तो दूर की बात है उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि भी नहीं की गई, न तिरंगा ओढ़ाकर सम्मान दिया गया.इसके लिए सीधे प्रशासन जिम्मेदार है. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि नरसंहार में मारे गये व्यक्तियों के आश्रितों को बिहार सरकार 20-20 लाख रूपया मुआवजा और एक-एक नौकरी अतिशीघ्र दे. इस नरसंहार पर सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि अब इतने बड़े नरसंहार के बाद भी नीतीश कुमार स्वयं या उनके कोई मंत्री अधिकारिक तौर पर पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नहीं पहुँचे.
जाँच टीम के अन्य सदस्य विधायक आनन्द शंकर एवं पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार चाहती तो इस नरसंहार को रोका जा सकता था.
प्रेस वार्ता में बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने सबालिया लहजे में कहा कि हर छोटी-बड़ी घटना पर दौड़ कर चले जाने वाले सुशील मोदी इतने बड़े नरसंहार होने के बावजूद अब तक पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नही पहुँचे? आखिर किस भय के वजह से सुशील कुमार मोदी अब तक चुप हैं.
वहीं दूसरी ओर विधान परिषद में उपनेता नवल किशोर यादव महमदपुर नरसंहार पर पत्रकार द्वारा पूछे गये सवाल पर करनी-सेना, धरनी-सेना के शब्द का उपयोग कर उपहास उड़ाया.इससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी इतने बड़े घटना को गंभीरता से नहीं ली है. इनके अलावा इस प्रेस वार्ता में पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद भी मौजूद थे.
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