नवजात को गोद में लेकर अल्ट्रासाउंड कराने चल दी

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नवजात को गोद में लेकर अल्ट्रासाउंड कराने चल दी

आलोक कुमार 
पटना. अभी हाल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5,540 करोड़ रुपये की लागत से पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) को 5,462 बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने की पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास किया था. विश्वस्तरीय बनने वाले पीएमसीएच में संसाधन का सख्त अभाव देखने को मिला. पहले से ही पीएमसीएच की शिकायते मिलती रहती है. इमरजेंसी के बाहर सुरक्षाकर्मी गर्मी से बेहाल हैं. अंदर तो धर्मशाला जैसी भीड़. कहीं एक बेड पर दो मरीज तो कहीं फर्श पर लेटे मरीज को परिजन दवा पिलाकर राहत दे रहे हैं. 

इस बीच पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल की खबर है. रविवार को शिशु विभाग में एक बच्चा बहुत बीमार था, बच्चे का अल्ट्रासाउंड किया जाना था. काफी इंतजार के बाद भी जब कोई एंबुलेंस या रिक्शा नहीं पहुंचा तो बच्चे की मां ने नवजात को गोद में लिया और खुद ही अल्ट्रासाउंड कराने चल दी. 

मुजफ्फरपुर से सीमा नाम की एक मां अपने बच्चे का इलाज कराने पीएमसीएच पहुंची थी. शिशु विभाग में बच्चे को भर्ती कर ऑक्सीजन लगा दी गई. इस दौरान मां को बच्चे का अल्ट्रासाउंट करवाने को कहा गया.बच्चे के ऑक्सीजन लगी हुई थी.शिशु विभाग में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है. जिससे चलते महिला को बच्चे का अल्ट्रासाउंड कराने के लिए दूसरी बिंग में जाना था.लेकिन ऑक्सीजन लगे बच्चे को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली. 

वह महिला अकेली थी और उसके बाद कोई साधन नहीं था.पीड़ित महिला ने मदद की गुजारिश करके ऑक्सीजन सिलेंडर एक अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी को पकड़ा दिया और बीमार बच्चे को लेकर धूप में ही पैदल चल दी. आगे-आगे स्वास्थ्य कर्मी गैस सिलेंडर को लेकर चल रहा था और पीछे-पीछे बच्चे को अपनी गोद में लिए हुए मां. 

पीड़ित मां ने कहा कि बच्चा बीमार है, जिसका इलाज कराने के लिए वो मुजफ्फरपुर से आई है.ऑक्सीजन लगे बच्चे को लेकर धूम में पैदल चलने के सवाल पर साथ के स्वास्थ्य कर्मी ने झल्लाकर कहा कि अगर गाड़ी मिली होती तो उसी में ले जाते ना. 

पिछले कुछ दिनों से बिहार के विभिन्न जिलों से कोरोना संक्रमण के फैलने की खबरें आ रही हैं. ऐसे में विपक्ष लगातार सरकार के इंतजामों पर सवाल उठा रहा है. खासकर अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी को मुद्दा बनाने की कोशिशें हो रही हैं. इस बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने वीडियो शेयर कर नीतीश सरकार पर हमला किया है. तेजस्वी ने वीडियो के जरिये पिछले डेढ़ दशक से राज्य में सत्तारूढ़ जेडीयू-बीजेपी की सरकार को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है. 

इस संवेदनहीन हादसा को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'यह बिहार है, मां की गोद में बीमार बच्चा है, स्वास्थ्य कर्मी ऑक्सीजन सिलेंडर खींच रहा है और ऐसे में नीतीश-बीजेपी की पार्टी हो रही है 16 साल से... शशश..सवाल मत पूछना नहीं तो जंगलराज आ जाएगा.यहां गोली से भी मरते है और बिना गोली भी... इसलिए चुपचाप मरते जाना है अन्यथा जंगलराज आ जाएगा.का समझे बाबू?' 

मनीष कुमार रावत कहते हैं कि यदि मां या स्वास्थ्य कर्मी की चलने की टाइमिंग गलती से लड़खड़ा जाए तो oxygen बच्चे की नाक से निकल जाएगा, इससे बच्चे की जान जाने की संभावना हो सकती, आखिर जनता ने इन्हें फिर से क्यूँ मुख्यमंत्री बनाया, शायद राजतंत्र वाले नेता बहुत बड़ी साजिश करके चुनाव जीते हैं. 

चंद्रिका पासवान ने कहा कि ऐसा जंगलराज का युवराज कह रहा है, बीमार सजायाफ्ता पिता माँ के राज में अस्पताल के बिस्तरों पर मरीज नहीं कुत्ते सोये मिलते थे. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक व दवा के बिना जर्जर मकान भर ही था. इलाज को प्रदेश से बाहर जाना पड़ता था. 

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