हिसाम सिद्दीकी
नई दिल्ली! तकरीबन तमाम सियासी पार्टियों के बेईमान और बदउनवान सियासतदानों को अपनी पार्टी में शामिल करने वाले नरेन्द्र मोदी अब अपने ही बेईमानों और अय्याशों के सामने मजबूर दिखने लगे हैं.2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उस वक्त के होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा था कि यह बीजेपी है इसमें न किसी का इस्तीफा लिया जाता है और न किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है.उसी बीजेपी ने बेईमानी और बदउनवानी में मुलव्विस उत्तराखण्ड के चीफ मिनिस्टर त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मोदी ने हटा कर तीरथ सिंह रावत को नया चीफ मिनिस्टर बनवा दिया.कहा यह गया कि प्रदेश के बीजेपी मेम्बरान असम्बली त्रिवेन्द्र सिंह रावत से खुश नहीं थे.इसके फौरन बाद कर्नाटक के वजीर आबपाशी रमेश जरकी होली से इस्तीफा ले लिया गया क्योकि एक परेशान हाल लड़की के गैर कानूनी और गैर अखलाकी (अनैतिक) ताल्लुकात बनाने की उनकी वीडियो वायरल हो गई थी.अब कर्नाटक के चीफ मिनिस्टर वी एस येदुरप्पा का नम्बर लग रहा है.कर्नाटक हाई कोर्ट ने जनता दल सेक्युलर के मेम्बर असम्बली नागनागौड़ा के बेटे को मोटी रकम की रिश्वत और वजारत में जगह देने की पेशकश करने के मामले में येदुरप्पा के खिलाफ नए सिरे से जांच कराए जाने का आर्डर दे दिया है.याद रहे कि येदुरप्पा जब पहली बार कर्नाटक के चीफ मिनिस्टर बने थे तब भी रिश्वत खोरी के एक मामले में उनके खिलाफ लोक आयुक्त की कार्रवाई की वजह से उन्हें न सिर्फ अपने ओहदे से इस्तीफा देना पड¬़ा था बल्कि लोक आयुक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भी भेज दिया था.जेल से छूटने के बाद बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था.उन्होंने अपनी अलग इलाकाई पार्टी बना ली थी.लिंगायत वोटरों मे येदुरप्पा की बहुत मजबूत पकड़ होने की वजह से नरेन्द्र मोदी ने उन्हें फिर पार्टी में शामिल कर लिया था.2019 में जब नरेन्द्र मोदी ने बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त करके कर्नाटक की सत्ता पर कब्जा कराया तो येदुरप्पा को चीफ मिनिस्टर बना दिया था.
2019 में जब भारतीय जनता पार्टी जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस के मेम्बरान असम्बली को बड़े पैमाने पर कालाधन देकर खरीदने का काम कर रही थी तो उस वक्त येदुरप्पा ने जनता दल सेक्युलर के मेम्बर असम्बली नागनागौड़ा को तोड़ने के लिए उनके बेटे शरनागौड़ा को फोन करके उनके वालिद को तोड़कर बीजेपी में लाने के लिए न सिर्फ मोटी रकम की पेशकश की थी बल्कि यह भी कहा था कि अगर वह जनता दल सेक्युलर से इस्तीफा देकर बीजेपी में आ जाएं तो उन्हें अगली सरकार में वजीर भी बनाया जाएगा.गौड़ा ने येदुरप्पा का फोन रिकार्ड करके रिपोर्ट दर्ज करा दी थी.येदुरप्पा की सरकार बन जाने की वजह से मामले की जांच भी नहीं होने दी गई थी.अब इकत्तीस मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले की तहकीकात का आर्डर कर दिया है.
हाई कोर्ट ने आब्जर्व किया कि अगर येदुरप्पा पर लगा इल्जाम सही निकला तो येदुरप्पा के खिलाफ देशद्रोह तक की दफा में मुकदमा चल सकता है.इसके अलावा मुजरिमाना साजिश रचने और एलक्शन का मकसद ही फौत करने की गरज से गैर कानूनी भुगतान करने जैसे जुर्म में मुकदमा चलेगा.अदालत ने कहा कि जो इल्जाम लगया गया है और उसके सपोर्ट में जो मवाद (सामग्री) पेश की गई है उससे जाहिर होता है कि येदुरप्पा और उनके साथियों ने कानून की खिलाफवर्जी करते हुए पैसों के इस्तेमाल के जरिए एक चुनी हुई सरकार गिराने का काम किया था.शिकायत के साथ जो सबूत पेश किए गए हैं बादिउन्नजर (प्रथम दृष्टिया) यह साबित करते हैं कि येदुरप्पा के खिलाफ दफा 120बी (मुजरिमाना साजिश), दफा 124ए (राष्ट्रद्रोह) और दफा 171एच (एलक्शन के लिए गैर कानूनी भुगतान) करने का मामला बनता है.
कर्नाटक की सियासत में उथल-पुथल जारी है.नागनागौड़ा को तोड़ने के इल्जाम का सामना कर रहे बी एस येदुरप्पा पर अब उनकी सरकार में देही तरक्की के वजीर केएस ईश्वरप्पा ने संगीन इल्जाम लगाते हुए कहा कि वजीर-ए-आला उनके काम में दखल देते हैं.इसे लेकर वजीर ने गवर्नर और बीजेपी कयादत से शिकायत भी की है.
गवर्नर वजुभाई वाला को लिखे खत में मिनिस्टर ईश्वरप्पा ने सीएम येदियुरप्पा पर कर्नाटक तिजारत का लेन-देन जाब्ता (नियम)-1977 की खिलाफवर्जी करते हुए अपनी वजारत में सीधे मदाखिलत का इल्जाम लगाया है.उनका कहना है कि येदुरप्पा ने उनके मोहकमे से बगैर इजाजत लिए 774 करोड़ रुपये का एलाटमेंट कर दिया.उन्होंने एलाटमेंट में भेदभाव करने का भी इल्जाम लगाया है.
वजीर इश्वरप्पा ने कहा कि वजीर-ए-आला ने बेंगलुरु में एक जिले के लिए उनके मोहकमे से 65 करोड़ रुपये एलाट किए और इस दौरान उन्होंने बाकी जिलों को नजरअंदाज किया.वजीर ईश्वरप्पा ने अपने खत की एक कापी वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह और बीजेपी सदर जेपी नड्डा को भी भेजी है.वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी फौरन अपना रद्देअमल जाहिर किया है.कर्नाटक कांग्रेस इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि येदियुरप्पा सरकार के बारे में हमेशा से जो कहा जाता है, अब उनके ही वजीर उस बात को सच साबित कर रहे हैं.सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘यह चोरी किए गए जनादेश के जरिए पैदा हुई एक गैरकानूनी सरकार है, जो करप्शन में लगी हुई है.सिर्फ एक आदमी की खिदमत करने के लिए एक सत्तावादी फैशन में चलाया जाता है.इसे दरवाजा दिखाया जाना चाहिए.’ मालूम हो कि एक वक्त वजीर ईश्वरप्पा वजीर-ए-आला येदियुरप्पा के करीबी हुआ करते थे, लेकिन गुजिश्ता वक्त में कैबिनेट की तौसीअ करते हुए कई नए वजीरों को वजारत में जगह देने की वजह से हालात में काफी बदलाव आया है.
कर्नाटक के वजीर-ए-आला बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ सीनियर वजीर के एस ईश्वरप्पा की तरफ से लगाए गए इल्जामात को ‘‘संगीन’’ बताते हुए लीडर आफ अपोजीशन सिद्दरमैया ने पहली अप्रैल को गवर्नर से इस मुद्दे पर मदाखिलत करने की दरख्वास्त की और सदर राज लागू करने की सिफारिश की.सीनियर कांग्रेस लीडर ने चीफ मिनिस्टर को बर्खास्त करने की भी मांग की.येदियुरप्पा वजारत में देही तरक्की के वजीर ईश्वरप्पा ने पहली अप्रैल को वजीर-ए-आला के खिलाफ गवर्नर से शिकायत की थीं.
उन्होंने गवर्नर वजुभाई वाला से मुलाकात की और वजीर-ए-आला की ‘‘संगीन खामियों और इंतजामिया के उनके बेलगाम तरीके’’ को लेकर पांच सफहात (पृष्ठों) का खत सौंपा.सिद्दरमैया ने एक बयान में कहा, ‘‘ईश्वरप्पा ने बीजेपी के खिलाफ करप्शन और कुन्बापरस्ती के इल्जाम के लिए सबूत मुहैया कराए.किसी भी तरह के दबाव में उन्हें झुकना नहीं चाहिए और अपने बयान पर कायम रहना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि ईश्वरप्पा ने अपने सियासी कैरियर में पहली बार अच्छा काम किया है.उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें प्रदेश का मफादअपने निजी मफाद से ज्यादा अहम मानने के लिए मुबारकबाद देता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी कयादत को ईश्वरप्पा का मुंह बंद करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और दीगर वजीरों को खुलकर अपनी राय रखने का मौका देना चाहिए.’’ वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी ने 2018 के असम्बली चुनाव प्रचार के दौरान उनकी सरकार पर ‘‘10 फीसद कमीशन सरकार’’ होने का इल्जाम लगाया था.इस पर साबिक चीफ मिनिस्टर ने उनसे रियासती सरकार को करप्शन की रेटिंग देने के लिए कहा.उन्होंने कहा कि वजीर-ए-आजम अपने ही पार्टी के वजीर के जरिए भेजी गई ‘‘जन्म कुंडली’ को देखकर प्रदेश सरकार को रेटिंग दें.
सिद्दरमैया ने कहा, ‘‘वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी आप अपना आलमी शोहरत याफ्ता नारा ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ बदलकर ‘मैं भी खाऊंगा, तुम भी खाओ’ कर लीजिए.जदीद मरकज़
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